देहरादून: उत्तराखंड में कुछ दिनों पहले 22 प्रतिशत तक जा पहुंची कोविड संक्रमण दर अब घटकर करीब 9 प्रतिशत पर आ गई है. उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने संवाददाताओं को बताया कि 27 अप्रैल से 24 मई तक सप्ताह वार आंकडों के अध्ययन से सामने आया है कि 11 मई से 17 मई के सप्ताह में सर्वाधिक 22 प्रतिशत तक पहुंच चुका संक्रमण दर उसके अगले सप्ताह 18 मई से 24 मई के दौरान घटकर 9.3 प्रतिशत पर आ गया है. सोमवार को प्रदेश में 2071 नए कोविड मरीजों के मिलने और 7051 मरीजों के स्वस्थ होने का जिक्र करते हुए सचिव ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर भी 67-68 फीसदी से बढकर 81 फीसदी हो गई है. 


स्वास्थ्य के क्षेत्र में तैयारियां की गई हैं
अमित नेगी ने कहा कि पिछले एक साल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत तैयारियां की गई हैं और वर्तमान में प्रदेश में 1651 आइसीयू बेड, 924 वेंटिलेटर और 5000-6000 आक्सीजन सर्पोटेड बेड उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 11 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लग चुके हैं जिनमें हल्द्वानी बेस अस्पताल, उत्तरकाशी जिला अस्पताल और कोटद्वार बेस अस्पताल शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास सभी जिला और उपजिला अस्पतालों में ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाना है ताकि आक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति हो सके. 


राज्य के पास पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध रहेगी
नेगी ने बताया कि भारत सरकार ने उत्तराखंड के लिए मंगलवार से ऑक्सीजन का आवंटन 183 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 200 मीट्रिक टन कर दिया है और ये आक्सीजन उसे अब राज्य में स्थित ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों से ही मिलेगी. उन्होंने बताया कि काशीपुर स्थित इंडिया ग्लाइकोल से 40 मीट्रिक टन, सेलाकुई स्थित लिंडे से 100 मीट्रिक टन, रुड़की स्थित एयर लिक्विड से 33 मीट्रिक टन और बाकी 25 मीट्रिक टन अन्य इकाइयों से मिलेगी. उन्होंने कहा कि इससे राज्य के पास पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध रहेगी. 


रोजाना 30 हजार से ज्यादा लोगों की हो रही है जांच
अमित नेगी ने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन 30 हजार से ज्यादा लोगों की जांच की जा रही हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर की जा रही जांचों के हिसाब से लगभग दोगुनी हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इस बीमारी के उपचार के प्रमुख केंद्र एम्स ऋषिकेश में ना केवल उत्तराखंड बल्कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और अन्य प्रदेश के रोगियों का भी इलाज किया जा रहा है. 


ब्लैक फंगस के 118 रोगी मिले 
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि अब तक प्रदेश में 118 ब्लैक फंगस के रोगी आ चुके हैं जिनमें से 9 की मृत्यु हो चुकी है. ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सरकार ने प्रदेश के 12 डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए डेजिग्नेट कर दिया. उन्होंने बताया कि इसका सबसे बड़ा लाभ ये होगा कि इसके उपचार के लिए जरूरी दवाइयों को राज्य सरकार अब सीधे इन अस्पतालों को दे सकेगी.


ये भी पढ़ें:


Coronavirus In UP: सामने आए 3957 नए केस, 24 घंटे में 281 मरीजों की हुई मौत