प्रतापगढ़: प्रतापगढ़ में कोरोना को हराने के लिए दवा के साथ-साथ ग्रामीण दुआ भी कर रहे हैं. कोरोना के खौफ के चलते ग्रामीणों ने गांव में कोरोना माता मंदिर का निर्माण करते हुए कोरोना माता की मूर्ति भी स्थापित कर डाली. अब सैकड़ों ग्रामीणों पूरी विधि विधान से कोरोना माता की पूजा- अर्चना कर रहे हैं. ग्रामीणों का दावा है कि, ऐसा करने से हमारे गांव में कोरोना संक्रमण नहीं आएगा. सांगीपुर थाना के जूही शुक्लपुर गांव का ये पूरा मामला है.
कोरोना माता का मंदिर
आपने कई मंदिर में दर्शन-पूजा तो किये होंगे लेकिन हम आपको कोरोना माता के मंदिर के दर्शन कराएंगे. अंधविश्वास की उपज और कोरोना के खौफ में ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से चंदा देकर कोरोना माता का मंदिर बनवाया है. सैकड़ों ग्रामीण पूरे विधि-विधान से कोरोना माता की पूजा करते हैं. ग्रामीणों ने कोरोना से बचाव के लिए कोरोना माता की मूर्ति स्थापित कर आस्था की राह पर निकल गए हैं.
आश्चर्य की बात तो यह है कि, अंध विश्वास में तैयार किये इस मंदिर में ग्रामीणों समेत दूर दराज से लोग पहुंचकर कोरोना माता की पूजा अर्चना करते हुए नजर आते हैं. ग्रामीण अगरबत्ती जलाकर और प्रसाद चढ़ा कर कोरोना माता की पूजा करते हुए जल भी चढ़ाते हैं. वहीं, ग्रामीणों का दावा है कि कोरोना माता की पूजा करने से हमारे गांव में कोरोना का संक्रमण नहीं फैलेगा. कई लोग इसको अंधविश्वास मान रहे हैं लेकिन कोरोना माता की मास्क लगी प्रतिमा ग्रामीणों को कोरोना के बचाव के लिए जागरूक भी कर रही है.
आसपास के इलाकों में फैला अंधविश्वास
प्रतापगढ़ के इस गांव में फैले अंधविश्वास अब चर्चा का विषय बन गयी है, लेकिन पुलिस और स्वास्थ्य महकमा इसको रोकने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रहा है. गांव में कोरोना से तीन मौत और कई ग्रामीणों को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद ग्रामीणों में आई दहशत के कारण अब दवा के साथ -साथ दुआ की तलाश भी शुरू कर दी गई है. कोरोना ने जेहन में डर पैदा किया तो ग्रामीणों ने आस्था की राह अपना ली है.
पहला कोरोना माता मंदिर बनाने का दावा
प्रतापगढ़ अपने कारनामों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहता है. वहीं, विश्व मे पहला कोरोना मंदिर बनवाने का ग्रामीणों ने दावा किया. ग्रामीणों का तर्क है कि चेचक रोग को मां शीतलन देवी का प्रकोप माना जाता है, इसी प्रकार से कोरोना भी एक दैवीय आपदा है. माता के पूजा पाठ से कोरोना का संक्रमण गांव में नहीं होगा, लेकिन ग्रामीणों का दावा सिर्फ और सिर्फ अंधविश्वास ही नजर आता है. स्वास्थ्य विभाग का कोरोना के प्रति जागरुकता भी इस गांव में नजर नहीं आती. लेकिन कोरोना माता की प्रतिमा जरूर कोरोना प्रोटोकॉल के नियम का पालन करने के लिए जरूर जागरूक कर रही है. मूर्ति के जरिये जागरूकता का पहल देखने को मिल रही है.
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