Corona Testing in Uttarakhand: उत्तराखंड राज्य में स्वास्थ्य विभाग द्वारा करवाई जा रही कोरोना टेस्टिंग की व्यवस्था लड़खड़ा गई है. अंतरराज्यीय सीमा पर जहां पहले रोजाना हजारों में टेस्टिंग हुआ करती थी वहीं अब ये संख्या 300 तक सिमट कर रह गई है. ये हाल तब है जब कोरोना की तीसरी संभावित लहर का खतरा बना हुआ है. राज्य में चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है. पड़ोसी राज्य हिमाचल में कोरोना पॉजिटिव मामलों में इजाफा हो रहा है और आने वाले महीने से फेस्टिवल सीजन भी शुरू होने जा रहा है.
गौरतलब है कि उत्तराखंड में कोरोना को दस्तक दिए हुए 79 हफ्ते पूरे हो चुके हैं. कोरोना के मामलों में जब इजाफा हुआ तब राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने 40 हजार टेस्ट प्रतिदिन यानी 2 लाख 80 हजार टेस्ट हर हफ्ते करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन जून 2021 से अब तक लगभग 4 महीनों में कोरोना टेस्टिंग में उत्तराखंड राज्य में भारी गिरावट आई है. जहां हर हफ्ते 2 लाख 80 हजार टेस्ट होने चाहिये उसकी तुलना में आधे से भी कम कोविड टेस्ट हो रहे हैं.
SDC Foundation के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि कोरोना टेस्टिंग में पिछले 4 महीने से लगातार गिरावट है. उन्होंने कहा कि आने वाले त्योहारी सीजन में उत्तराखंड के लाखों लोग जो बाहरी प्रदेशों में कार्यरत हैं वापस लौटते हैं. इसके अलावा बड़ी तादाद में पर्यटक राज्य मे आ रहे हैं. इन सभी दृष्टिकोण से उत्तराखंड कोरोना के मद्देनजर बेहद संवेदनशील राज्य है. उन्होंने कहा कि 99 प्रतिशत लोग सड़क के माध्यम से राज्य में आते हैं इसलिए सीमा पर सड़क मार्ग से आने वालों की टेस्टिंग होना बेहद जरूरी है.
उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड कोरोना टेस्टिंग को लेकर पहले गियर में चल रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 13 जनपदों में कोरोना टेस्टिंग को चौथे गियर में लाने की आवश्यकता है.
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने भारत सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक पूरी तैयारी की है. सभी अस्पतालों में व्यवस्था दुरुस्त कर दी हैं. राज्य में कोरोना टेस्टिंग में गिरावट के बारे में उन्होंने कहा कि इसके लिए समीक्षा बैठक की है. उन्होंने कहा कि जिन-जिन जनपदों में टेस्टिंग कम की जा रही है उन जिलों के डीएम और सीएमओ को आदेश किये हैं कि भारत सरकार के मानक के मुताबिक सौ फीसदी टेस्टिंग हो ताकि कोई खतरा न हो.
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