लखनऊ: कोरोना के चलते राजधानी के गांवों में तबाही मची हुई है. बीकेटी के इमलिया गांव में एक ही परिवार के 7 लोग इस जानलेवा संक्रमण का शिकार हो चुके हैं, तो चिनहट के अमराई गांव में एक परिवार के 4 सदस्य जान गंवा चुके हैं. राजधानी के अन्य गांवों में भी कुछ ऐसे ही हालात हैं.
एक सप्ताह के भीतर परिवार के चार लोगों की मौत
अमराई गांव में कोरोना वायरस के संक्रमण से एक सप्ताह के दौरान एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो चुकी है. कहा जा रहा है कि पंचायत चुनाव के दौरान से अब तक गांव में करीब 40 लोग जान गंवा चुके हैं. हालांकि, मरने वाले कोरोना संक्रमित थे या नहीं, जांच में इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. अमराई गांव का एक होम्योपैथिक चिकित्सक हरिराम यादव का परिवार कोरोना काल में लोगों की सेवा कर रहा था और उन पर ही संक्रमण का कहर टूट पड़ा. हरिराम यादव के भाई अवधेश का कहना है कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई. अस्पताल ले जाकर जांच कराई लेकिन रिपोर्ट आने से पहले ही उन्होंने उन्होंने दम तोड़ दिया. हरिराम यादव के निधन के अगले दिन उनकी चाची की भी मौत हो गई. दो दिन बाद हरिराम यादव की पत्नी और बहू ने भी दम तोड़ दिया. सभी को कोरोना जैसे लक्षण थे. अब हरिराम के परिवार में सिर्फ 22 साल का एक बेटा मनीष बचा है.
एक ही परिवार के सात लोग काल के गाल में समा गये
इसी तरह बीकेटी के इमलिया गांव में एक ही परिवार के 7 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है. अशोक कुमार के परिवार में यह दिल दहला देने वाला हादसा हुआ. अशोक कुमार के चार सगे भाई, दो सगी बहनों और उनकी मां ने बीते दिनों कोरोना से दम तोड़ दिया. सबसे पहले अशोक कुमार की मां कमला देवी संक्रमित हुई. उनका टेस्ट या इलाज होता, इससे पहले ही वह स्वर्ग सिधार गई. उसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों में भी एक के बाद एक संक्रमण फैलता गया. अशोक कुमार के भाई विजय, विनोद, निरंकार और सत्य प्रकाश को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पहले सत्यप्रकाश ने दम तोड़ा इसके बाद बाकी तीनों भाई भी काल के गाल में समा गए.
बहने भी चपेट में आईं
कोरोना संक्रमण के दौरान घर आई अशोक की बहने मिथिलेश और शैल देवी भी इस बीमारी की चपेट में आ गई और उपचार के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया. अशोक बताते हैं कि सर्दी-जुखाम और संक्रमण के अन्य लक्षण आने पर उन्होंने जांच कराई तो पता चला सभी को टाइफाइड था. बाद में एंटीजन और आरटीपीसीआर रिपोर्ट में सबको कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई. हालांकि, जांच रिपोर्ट काफी देर से आई. तब तक संक्रमण काफी बढ़ चुका था. एक ही परिवार में सात लोगों की मौत से पूरे इमलिया गांव में दहशत और शोक का माहौल है. अशोक के परिवार के बाकी बचे सदस्यों की आंखें पथरा चुकी हैं. आलम यह है कि गांव के लोग दहशत के चलते दुख बांटना तो दूर उनके घर के आसपास भी नहीं आ रहे.
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