UP News: कोविड-19 (Covid-19) के खतरे को देखते हुए एक बार फिर से प्रशासनिक अमला अब वेंटिलेटर और अन्य चीजों के रखरखाव में लग गया है. वहीं, आजमगढ़ (Azamgarh) जिले में राजकीय मेडिकल कॉलेज (Rajkiya Medical College) की स्थिति जाननी चाही तो यह पता चला कि 18 वेंटिलेटर (Ventilators) अभी भी काम के लायक नहीं हैं. हालांकि राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आर पी शर्मा के मुताबिक हालात से लड़ने के लिए संसाधनों के साथ-साथ जज्बे की भी जरूरत होती है जो जज्बा यहां के स्टाफ में है.
2020 में आजमगढ़ जिले में पीएम केयर्स फंड से लगभग 96 वेंटीलेटर के मिलने की जानकारी मिली थी. बाद में यह पता चला कि इनमें से 20 वेंटिलेटर खराब हो चुके हैं. यह जानने के लिए जब एबीपी गंगा की टीम राजकीय मेडिकल कॉलेज आजमगढ़ पहुंची तो वहां के प्रिंसिपल आरपी शर्मा ने बताया कि कोविड-19 काल के शुरुआत के दौरान कुछ संसाधन मिले थे. उन्होंने कहा कि बाकी फंड वापस कर दिए गए थे. उन्होंने बताया कि जो वेंटीलेटर हमें मिले थे उनमें 18 वेंटिलटर ऐसे थे जो हम काम पर नहीं लगा पाए जिसके लिए हमने शासन और प्रशासन को पत्र लिखकर अवगत कराया हुआ है और जल्दी उसका निस्तारण हो जाएगा.
हर स्थिति से निपटने को हैं तैयार - स्वास्थ्य अधिकारी
आरपी शर्मा ने बताया कि इस प्रकरण में हमने किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं की है. इन सब चीजों में थोड़ा समय जरूर लग जाता है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान हमारे कॉलेज में आइसोलेशन के लिए एक बेड भी नहीं था लेकिन हमारे जज्बे के कारण, जिला प्रशासन और शासन सहयोग से इलाज हुआ. हमने 300 मरीजों को भर्ती किया, जहां पहले एक आइसोलेशन बेड भी नहीं था. वहीं, केवल आजमगढ़ के ही नहीं बल्कि इसके बाहर के मरीजों को भी हमने भर्ती किया. और आने वाले समय में भी हर स्थिति से निपटने के लिए हम तैयार हैं.
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