टिहरी, एबीपी गंगा। कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से लागू लॉकडाउन (Lockdown) के बाद रोज कमाने-खाने वाले मजदूरों पर बहुत असर पड़ा है। जिससे उत्तराखंड का टिहरी जनपद भी अछूता नहीं है। जनपद भर में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोंगों पर दो जून की रोटी खाने के लिए भी संकट खड़ा हो गया है। ऐसे ही मजदूरों की मदद के लिए इन दिनों टिहरी में कई कोरोना वॉरियर्स खड़े हो गये हैं। उनके भर पेट खाने के लिए कुछ लोग जरूरी राशन सामाग्री वितरीत कर रहे हैं, तो कुछ वॉरियर्स दिन और रात भोजन खिला रहे हैं।


दरअसल, टिहरी में रोज कमाने-खाने वाले मजदूरों पर खाने का संकट गहरा गया है, क्योंकि यह मजदूर रोज कामकाज करके अपना पेट भरते थे, लेकिन लाॅकडाउन के बाद उनके रोजगार पर संकट खड़ा हो गया है। जिसके चलते टिहरी में कई कोरोना वॉरियर्स ने मदद का हाथ बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसके चलते विभिन्न संस्थाओं और सामाजिक लोगों के माध्यम से नई टिहरी और बौराड़ी के विभिन्न स्थानों पर रहने वाले मजदूरों को रोजमर्रा के जीवन यापन करने के लिए खाद्यान सामाग्री बांटी जा रही है।



साथ ही साथ, कुछ वॉरियर्स द्वारा दिन और रात 200 से 250 गरीब मजदूरों को भोजन खिलाया जा रहा है। साथ ही, कोरोना वॉरियर्स का कहना है कि इस तरह से गरीब लोगों आने वाले दिनों में भी इस प्रकार के कार्य चलते रहेंगे।



मजदूरों को खाद्यान सामाग्री के अलावा कुछ कोराना वॉरियर्स ने बौराड़ी बस अड्डे के पास दिन और रात का भोजन खीला रहे हैं। दिन के भोजन में दाल, चावल और रात के भोजन में सब्जी, दाल और पुड़ी दी जा रही हैं। उनका कहना है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती है, तब तक इन मजदूरों को खाना खिलाने का काम करेंगें।


 लाॅकडाउन के बाद मजदूरों के लिए खाने का संकट जरूर गहरा गया है, लेकिन संकट की इस घड़ी में कोरोना वारियर्स इन मजदूरों की भूख मिटाने का काम करते दिखाई दे रहे हैं। इस वक्त निश्चित रूप से इससे सराहनीय कार्य कुछ और हो ही नहीं सकता।


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