वाराणसी, नितीश कुमार पाण्डेय। कोरोना वायरस से बचाव को लेकर शासन के कड़े निर्देश और निर्देशों के कड़ाई से हो रहे पालन की खबरें तो रोजाना देखी और सुनी जा रही हैं लेकिन अगर स्वास्थ्य महकमा ही अव्यस्था की मार झेल रहा हो तो इसे क्या कहेंगे।


खबर वाराणसी से लगभग 70 किलोमीटर दूर गाजीपुर जिले से है जहां एसीएमओ ने सीएमओ को पत्र लिखकर अव्यवस्था की जानकारी दी और खुद के साथ पत्नी, दो बच्चों और ड्राइवर असिस्टेंट की जांच कराकर क्वारेन्टाइन करने की मांग की है। एसीएमओ के पत्र के बाद चिकित्सा महकमे में हड़कंप है और सीएमओ पूरे मामले से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं।


क्या है मामला
निजामुद्दीन मामले और देहरादून से जुड़े व्यक्तियों की महुआ बाग स्थित मस्जिद में स्क्रीनिंग की गई। एसीएमओ का आरोप है कि उन्होंने स्क्रीनिंग तो की लेकिन कोरोना से बचाव के लिए एन 95 मास्क उनके पास नहीं था इतना ही नहीं उन्होंने अन्य कई मरीजों की जांच की लेकिन बिना संसाधन इस दौरान संदिग्धों ने छींका भी जिसके बाद दहशत व्याप्त है। बाद में मस्जिद से कोरोना के एक पॉजिटिव मरीज मिलने की पुष्टि हुई और अब एसीएमओ ने ड्राइवर डीपीए सहित खुद पत्नी और बच्चों की जांच कराकर क्वारेन्टाइन करने की मांग की है।



पत्र से खुली व्यवस्था की पोल
एसीएमओ के पत्र ने कोरोना की तैयारियों को लेकर जिलों में हो रहे दावों की पोल खोल दी है और सवाल भी खड़े कर दिए हैं। अगर एसीएमओ को बिना मास्क के स्क्रीनिंग करनी पड़ रही है तो सवाल खड़े होंगे ही लेकिन सीएमओ ने इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए एबीपी गंगा से मौखिक बातचीत में कहा कि कर्मचारियों से बातचीत हुई है और वो स्वस्थ्य हैं। सीएमओ ने कहा कि पत्र में जो बातें हैं उसका कोई आधार नहीं है।


कर्मचारी भी दहशत में
एसीएमओ ने तो पत्र लिखकर अपनी व्यथा जाहिर कर दी लेकिन सूत्रों की मानें तो अव्यवस्था से चिकित्सा विभाग के छोटे कर्मचारियों में दहशत है। लेकिन, अब ऐसे में जब कोरोना का प्रकोप बढता जा रहा है तो कर्मचारी आखिर अपनी व्यथा किससे कहें।



व्यवस्था सुचारू करना बड़ी जरूरत
एसीएमओ ने पत्र लिखा और सीएमओ सब कुछ ठीक-ठाक बता दिया लेकिन एसीएमओ का पत्र दाल में काले की ओर इशारा किया है। आगे क्या होगा ये तो देखने वाली बात होगी लेकिन जहां कोरोना का पॉजिटिव केस मिला हो वहां ऐसी अव्यवस्था कई सवाल खड़े करती है। जरूरत है तो उस प्रयास की जो कोरोना से लड़ाई की सुचारू तैयारी के रूप में सामने आ सके।