CoronaVirus वाराणसी में विदेश से आनेवाले सभी यात्रियों का तैयार किया जा रहा है डाटा
भारत में कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद विशेष सतर्कता बरती जा रही है। वाराणसी जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है।
वाराणसी, एबीपी गंगा। वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोरोना वायरस को लेकर पूरी सतर्कता बरती जा रही है। एयरपोर्ट पर विशेष जांच करके ही लोगों को आने जाने दिया जा रहा है। जिला और मंडलीय चिकित्सालय में कोरोना वायरस को लेकर अलग वार्ड बना कर विशेष व्यवस्था की गई है। पिछले दिनों चीन से लौटे लोग खुद अस्पताल आए थे, जिनके ब्लड सैंपल डॉक्टरों की टीम द्वारा लिया गया था। ब्लड सैंपल की जांच के बाद कोई वायरस नहीं पाया गया। सभी लोग सुरक्षित हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लोगों को जागरूक करते हुए लगातार सबसे अपील की जा रही है कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है डॉक्टरों की टीम पूरी तरह तैयार है दवाओं की कोई कमी नहीं है।
वाराणसी के मंडलीय चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बी एन श्रीवास्तव ने बताया कि हमारे यहां कोरोना वायरस को लेकर सावधानी बरतते हुए आठ बेड का आइशोलेशन वार्ड बनाया गया है, अभी तक हमारे यहां इस तरह का कोई भी मरीज नहीं आया है, जिसकी कोरोना को लेकर जांच की गई हो। अगर कोई आता है तो उन्हें जांच पड़ताल के बाद इसी वार्ड में रखा जाएगा। डॉ श्रीवास्तव ने कहा था कि चीन से लौटते हुए लोगों की ही जांच पड़ताल की जाएगी, वैसे अगर इस तरह के लक्ष्ण का कोई मरीज आता है तो उसकी भी सामान्यता जांच करवाई जाएगी। विदेशों से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर ही पूरी जांच-पड़ताल की व्यवस्था है। एयरपोर्ट पर ही विदेश से आने वाले सभी यात्रियों का पूरा डाटा, नाम, पता और मोबाइल नंबर के साथ कलेक्ट किया जा रहा है। इस वार्ड को हमने अपनी निगरानी में रखा है।
डॉक्टर श्रीवास्तव ने कहा कि हम अपने सामने इसे खुलवा कर साफ सफाई करने के साथ फिर बंद करवा कर ही यहां से जा रहे हैं, जिसका सबसे बड़ा कारण कि अगर यह वार्ड खुला छोड़ दिया जाएगा तो कोई भी मरीज यहां भर्ती हो सकता है, इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से हम यह एहतियात बरत रहे हैं। क्योंकि अगर कोरोना का कोई भी संदिग्ध मरीज आता है, तो उसके लिए N-95 मास्क सहित सभी जरूरी उपकरण हमारे यहां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इस तरह के संदिग्ध मरीजों के लिए हम और हमारी टीम पूरी तरह तैयार हैं, मरीजों के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा को लेकर हमने यह कदम उठाया है।