नई दिल्ली,। चीन के वुहान से शुरू हुई कोरोना वायरस का संकट दुनिया भर में मानव जाति के लिये बड़ा खतरा बन चुका है। इस बीच एक अहम खबर सामने आयी है। इस महामारी को लेकर सबसे पहले आगाह करने वाली वुहान की डॉक्टर आई फेन रहस्यमयी तरीके से गायब हो गयी हैं। उनकी कोई भी खोज खबर नहीं मिल पा रही है। ऐसी आशंका है कि इस बीमारी पर सार्वजनिक रूप से बयान देने की वजह से उन्हें जबरदस्ती बंदी बना लिया गया है। आपको बता दें कि डॉक्टर फेन ने कोरोन वायरस से पीड़ित व्यक्ति की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी थी।


यही नहीं इस प्रकरण के बाद वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल के अधिकारियों ने डॉक्‍टर एई को धमकी दी थी कि उन्‍हें इसके बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। एई की रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर बड़ी तादात में लोगों ने साझा किया था। डॉक्‍टर एई कुछ उसी तरह से चर्चा का विषय बन गई थीं जैसे कोरोना वायरस का सबसे पहले खुलासा करने वाले डॉक्‍टर ली वेलिआंग थे।


डॉक्‍टर आई ने एक मैगजीन को दिया था इंटरव्‍यू
डॉक्‍टर ली को भी चीनी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि उन्‍हें 'अवैध रूप से गलत सूचना ऑनलाइन प्रसारित करने' के लिए कठोर प्रताड़ना का सामना करना होगा। उधर, डॉक्‍टर आई ने एक चीनी पत्रिका को इंटरव्‍यू दिया था जिसमें उन्‍होंने आरोप लगाया था कि अस्‍पताल प्रबंधन ने कोरोना वायरस को लेकर शुरुआती चेतावनी को नजरअंदाज किया था। 60 मिनट ऑस्‍ट्रेलिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस इंटरव्‍यू के बाद से डॉक्‍टर एई लापता हैं।


डॉक्‍टर आई ऐसे समय पर लापता हुई हैं जब चीन सरकार कोरोना वायरस के बारे में महत्‍वपूर्ण सूचना को हर स्‍तर पर छिपाने के आरोपों का सामना कर रही है। इस बीच वुहान शहर में कोरोना वायरस से कितनी मौतें हुईं, इसको लेकर रहस्‍य गहराता जा रहा है। वुहान के स्‍थानीय लोगों का मानना है कि चीनी अधिकारियों के दावे के विपरीत यहां पर कम से कम 42 हजार लोगों की कोरोना वायरस से मौत हुई। जबकि चीन के आधिकारिक आंकड़े तीन हजार से कुछ ज्यादा हैं।