ओरेगोन स्वास्थ्य एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (ओएचएसयू) और इंडियाना विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने सुझाव दिया कि मलेरिया-एंटीबायोटिक दवाओं के संयोजन से कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों को दिल के निचले भाग में पैदा होने वाली असामान्य धड़कनों के लिए उन मरीजों पर नजर रखनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस अवस्था से दिल का निचला हिस्सा तेजी और अनयिमित रूप से धड़कता है और इससे दिल का दौरा पड़ सकता है।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की कॉर्डियोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित शोधपत्र में अनुसंधानकर्ताओं ने सैकड़ों दवाओं का जिक्र किया है जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही, उन्होंने कहा कि दोनों दवाओं का एक साथ ऐसे मरीजों के इलाज में इस्तेमाल करना जो पहले से ही खतरे में हैं या उनकी हालत खराब हैं, इससे उनमें खतरा और बढ़ सकता है।
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नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना वायरस को हराने के लिए दवा ढूंढने का काम जारी है। इस बीच कइयों ने कोविड-19 की दवा बनाने का दावा भी किया है। वहीं, कई लोगों ने कोविड-19 के इलाज के लिए मलेरिया रोधी दवा का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है, लेकिन इसको लेकर अमेरिका के हृदय रोग विशेषज्ञों ने लोगों को आगाह किया है।
इन हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ लोग कोविड-19 के इलाज के लिए मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोकिन और एंटीबायोटिक एजिथ्रोमिसिन के इस्तेमाल का जो सुझाव दे रहे हैं, उससे दिल की धड़कनों के आसामान्य रूप से खतरनाक स्तर तक पहुंचने का खतरा बढ़ सकता है।