एबीपी गंगा। देश में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ी जा रही जंग के बीच उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में मजदूरों को सैनिटाइजर से नहलाने का वीडियो वायरल होने के बाद विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। वहीं, जिला प्रशासन ने भी इस घटना को लेकर नाराजगी जताते हुए संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाने की बात कही है।



इसको लेकर बरेली के जिलाधिकारी ने ट्वीट भी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा कि सीएमओ के निर्देश पर प्रभावित लोगों का उपचार किया जा रहा था। जिसका मतलब है कि मजदूरों के लिए सैनिटाइजर स्प्रे सुरक्षित नहीं रहा।' हालांकि, उन्होंने भी इसके बारे में नहीं बताया कि जिस सैनिटाइजर स्प्रे से मजदूरों को नहलाया गया था, उसमें कौन सा कैमिकल मिला हुआ था। सवाल उठाने के साथ ही डीएम ने ट्वीटर के माध्यम से इस घटना का बचाव भी किया है। उन्होंने लिखा, 'मास सैनिटाइजेशन का ये तरीका दुनिया के कई देशों में भी अपनाया जा चुका है।' डीएम के इसी दावे के बारे में हमने जानने की कोशिश की, कि क्या वाकाई दुनिया के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह से लोगों को सैनिटाइजर से नहलाया जा चुका है।



बता दें कि चीन के वुहान से दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस ने लाखों लोगों को अपनी जद में ले लिया है। कोरोना के खिलाफ छिड़ी इस जंग को जीतने के लिए हर ऐतिहास बरती जा रही है। बसों, ट्रेनों से लेकर सड़कों तक को सैनिटाइज किया जा रहा है, लेकिन इस दौरान भारत में इंसानों के ऊपर सैनिटाइजर स्प्रे छिड़कने की ये पहली घटना सामने आई है। हालांकि, बरेली में मजदूरों के साथ जो हुआ, वो घटना अपवाद के तौर पर ही देखने को मिलती है। कोरोना के बेहाल अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में भी इंसानों को सैनिटाइज करने के लिए इस तरह का तरीका नहीं अपनाया जा रहा है।



यहां तक की, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से भी भीड़ के ऊपर सैनिटाइजर की बारिश करने जैसी कोई गाइडलाइन्स जारी नहीं की गई है। हालांकि, भारत के अलावा इजरायल, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान में भी एक-दो ऐसी घटनाएं देखतो मिली हैं। हालांकि, यहां पर आपको ये समझने की जरूरत है कि इंसानों पर हर सैनिटाइजर का छिड़काव सुरक्षित नहीं हो सकता है।



ये फोट 26 मार्च की है और इसमें नजर आ रहे ये लोग फिलिस्तीनी मजदूर हैं। ये भी इजरायल से लौटे थे, जिसके बाद हेब्रोन में उनके ऊपर सैनिटाइजर स्प्रे किया गया था।



इस तस्वीर में भी आपको एक व्यक्ति पर सैनिटाइजर स्प्रे होता दिखाई दे रहा होगा, लेकिन ध्यान देने की बात ये है कि इस शख्स ने खुद को पूरी तरह से कवर यानी ढक रखा है। ये तस्वीर चिली के सैन्टियागो की है।



ये तस्वीर 29 मार्च की है। जहां काबुल में एक लड़के के ऊपर सैनिटाइजर स्प्रे का इस्तेमाल किया गया था।



ये फोटो वेनेजुएला के काराकस की है, जहां 20 मार्च को एक महिला को सैनिक सैनिटाइजर स्प्रे से नहला दिया गया था।



इंडोनेशिया की ये तस्वीर दो फरवरी की है। ये महिला चीन के वुहान से यहां पहुंची थी, वहीं वुहान जहां से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला। इस महिला पर सैनिटाइजर स्प्रे करने वाले कोई और नहीं बल्कि मेडिकल ऑफिसर हैं। इनके ऊपर जो स्प्रे किया जा रहा है, वो एंटीसेप्टिक है, यानी इससे इंसानों को कोई खतरा नहीं है।



ये तस्वीर इंडोनेशिया की है, जहां 28 मार्च को एक छात्र को भी सैनिटाइजर स्प्रे से नहला दिया गया था।


बरेली में मजदूरों को सैनिटाइजर से नहलाने का क्या है मामला

दरअसल, कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे की वजह से देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। इसी वजह से की मजदूर, जो दिल्ली में काम कर रहे थे, वो अपने-अपने घर लौटने लगे। यहीं मजदूर तब दिल्ली से बरेली पहुंचे, तो बरेली के सेटेलाइट बस अड्डे पर उनपर सैनिटाइजर स्प्रे से छिड़काव किया गया। पुलिस ने सबको लाइन में बैठाकर, उनके ऊपर सोडियम हाईपोक्लोराइड युक्त पानी का छुड़काव कराया। इस वजह से कुछ लोगों की आंखें लाल हो गईं, कुछ बच्चे रोने लगे। स्प्रे के बाद मजदूर वहां से निकल भागे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरस हो गया। जिसपर अब राजनीति शुरू हो गई है, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से लेकर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती ने भी इसको लेकर सरकार का घेराव किया है।


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