अयोध्या में कोरोना के कहर के बाद रामजन्म भूमि समेत कई मंदिरों के कपाट बंद, तीन दिनों में 8 की मौत
अयोध्या में कोरोना संक्रमण के चलते राम जन्मभूमि मंदिर के कपाट बंद कर दिये गये हैं. वहीं, बीते दिन में बीएसए के स्टेनो समेत आठ लोगों की मौत हो गई है.
अयोध्या: अयोध्या में भी कोविड-19 का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. आलम यह है कि अयोध्या स्थित दर्शन नगर के मेडिकल कॉलेज जिसे कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है, वहीं पर बेसिक शिक्षा अधिकारी के स्टेनो समेत 8 लोगों की कोरोना से मौत हो गई है. वहीं, अयोध्या के संत समाज के अध्यक्ष कन्हैया दास और रंग महल मंदिर के महंत रामशरण दास कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं, जिन का इलाज चल रहा है. यही कारण है कि राम जन्मभूमि मंदिर समेत अयोध्या के सभी बड़े मंदिरों के कपाट दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिए गए हैं. वहीं, अब अयोध्या शहर में स्थानीय अवकाश गुरुवार समेत रविवार को 2 दिन दुकाने बंद रहेंगी, जबकि सेनीटाइजर का छिड़काव समेत शाम 7:00 बजे से लेकर सुबह 9:00 बजे तक लॉक डाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है.
वहीं, दूसरी तरफ फैजाबाद दीवानी न्यायालय में भी जनपद न्यायाधीश और उनके अधीनस्थ न्यायालयों के समय में परिवर्तन किया गया है. इसी तरह मजिस्ट्रेट स्तरीय न्यायालय के भी कार्य समय में परिवर्तन किया गया है.
बंद किये गये मंदिर के कपाट
अयोध्या में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण और बढ़ती मृत्यु दर की वजह से हाहाकार मच गया है. यही कारण है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर , कनक भवन , नागेश्वरनाथ , हनुमानगढ़ी समेत सभी प्रमुख मंदिरों के कपाट दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिए गए हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भी एक प्रेस नोट जारी कर दर्शनार्थियों के राम मंदिर दर्शन को बंद की जाने की जानकारी दे दी है. संत महंत हो या प्रशासनिक अधिकारी सभी लोगों से अयोध्या आने की वजह अपने घरों में रहकर पूजा पाठ करने की अपील कर रहे हैं. संत समिति के अध्यक्ष कन्हैया दास और रंग महल के महंत राम शरण दास के कोविड-19 जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बाद सरगर्मी और तेज हो गई है, इसीलिए प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी लगातार अयोध्या के साधु संतों और व्यापारिक संगठन के पदाधिकारियों से मुलाकात कर सामंजस्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी का परिणाम है कि संत महंत भक्तों से दर्शन के लिए अयोध्या ना आने की नसीहत दे रहे हैं, यहां तक की रामनवमी के दिन के लिए भक्तों से खास अपील की जा रही है कि वह अयोध्या ना आए और स्थानीय लोग मंदिर में जाने के बजाय घर में रहकर श्री राम जन्मोत्सव मनाएं. वहीं, व्यापार जगत के लोग रविवार के एक दिन के लॉकडाउन के बजाय साप्ताहिक बंदी गुरुवार को भी दुकान न खोलने की बात कह रहे हैं.
तीन दिनों में 8 की मौत
हाल के दिनों में अयोध्या में कोरोनावायरस के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं और मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. आलम यह है कि, अकेले 17 तारीख को मेडिकल कॉलेज अयोध्या में संक्रमित भर्ती मरीजों में से दो महिला समेत 5 लोगों की मौत हो गई. वहीं, बेसिक शिक्षा अधिकारी के स्टेनो की कोविड से लखनऊ ले जाते समय मौत हो गयी. इस तरह पिछले तीन दिनों में ही आठ लोगों की मौत हो चुकी है. यही कारण है कि अब रात के लॉक डाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है. सैनिटाइजर का बाजारों और महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थानों पर छिड़काव किया जा रहा है और मास्क समेत सावधानी बरतने के उपायों पर जोर दिया जा रहा है.
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