चमोली: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बसे गांव में कोरोना के इस काल में खास सुविधाएं नहीं पहुंच पा रही है. एबीपी न्यूज़ लगातार गांव से ग्राउंड रिपोर्ट दिखा रहा है. अब एबीपी न्यूज़ की टीम चमोली के गौणा गांव में पहुंची. करीब 1500 की आबादी वाले इस गांव में सिर्फ 150 लोगों के टेस्ट किए गए. जिनमें से 13 लोग पॉजिटिव आए. गांव के लोगों का कहना है कि, ये टेस्ट भी तब किए गए जब प्रशासन को बार बार कहा गया और ये बताया गया कि गांव के लोगों में कोरोना के लक्षण देखे जा रहे हैं, तब जाकर प्रशासन जागा और टेस्ट करवाए गए. जिनमें 13 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए.


कन्टेन्मेंट जोन घोषित किया गया


गांव के प्रधान नरेंद्र सिंह बताते हैं कि, यहां टेस्टिंग की समस्या है. टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं. गांव के लोगों में बुखार, गला दर्द और खांसी की समस्या बनी हुई है. वहीं, दूसरी तरफ,  13 लोगों के संक्रमित पाये जाने के बाद इसके बाद गांव को कन्टेन्मेंट जोन घोषित किया गया. ऐसे कुछ पोस्टर गांव में जगह जगह पर लगाए गए हैं. जिनमें लिखा है कि जो भी लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, वो होम आइसोलेशन में रहे और लिखे गए नियमों का पालन करें. गांव के लोगों का कहना है कि, अभी भी बहुत से लोगों में कोरोना के लक्षण देखे जा रहे हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई टीम नहीं भेजी जा रही है.


एक ग्रामीण के मुताबिक, जब फ़ोन किया गया तब टीम पहुंची. अभी बाकियों की रिपोर्ट नहीं आई है. बाहर के किसी आदमी को आने की इजाज़त नहीं है. नियमों का सख्त पालन करवाया जा रहा है.


गांव में कोई सुविधा नहीं है


आपको बता दें कि, गांव भी चमोली से करीब 35 किलोमीटर दूर है. गांव की सड़कें खराब हैं. एम्बुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं है. लोगों के स्वास्थ्य को लेकर कोई खास सुविधा भी इस गांव में नहीं है.


गांववालों ने बताया कि, स्वास्थ्य सुविधा बहुत नाजुक स्थिति में है. नेता कोई प्रयास नहीं कर रहे है. हम चाहते हैं कि, स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाए लेकिन कई बार कहने के बाद नहीं हो पा रहा है. गुजारिश है जल्द से जल्द स्वास्थ्य शिविर लगाए ताकि जो बीमार है उनके बारे में पता चल पाए.


जिस तरह से कोरोना लगातार उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में फैल रहा है ये एक खतरे की घंटी है. प्रशासन को इस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.


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