यूपी: कोरोना काल में इस बात का नहीं रखा जा रहा है ध्यान, मंत्री बोले- 1 से 2 दिन में सुधरेंगे हालात
उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच कांटेक्ट ट्रैकिंग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह का दावा है कि 1-2 दिन में हालात सुधार लिए जाएंगे.
लखनऊ: शायद ही कोई दिन ऐसा होगा जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोविड 19 की मीटिंग के दौरान अधिकारियों को कांटेक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने के निर्देश न देते हों. लेकिन, इसके बावजूद कांटेक्ट ट्रेसिंग के काम में प्रदेश के कई जिलों में लापरवाही जारी है. राजधानी लखनऊ भी इस लापरवाही से नहीं बची है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह का दावा है कि 1-2 दिन में हालात सुधार लिए जाएंगे.
कांटेक्ट ट्रेसिंग पर बात नहीं की गई निरालानगर निवासी पीयूष की कोविड रिपोर्ट अगस्त में पॉजिटिव आयी थी. इसके बाद इनके पास इंटेग्रेटेड कंट्रोल रूम से हालचाल जानने के लिए कॉल आया. बाकी सब बातें हुईं लेकिन किसी ने कांटेक्ट ट्रेसिंग पर बात नहीं की. ये जानने का प्रयास नहीं किया कि पीयूष से कौन-कौन मिला था. कांटेक्ट ट्रैकिंग के नाम पर सिर्फ परिवार के सदस्यों की जानकारी ली गई. इसी तरह सीतापुर रोड के पास रहने वाले गौरव के भी पॉजिटिव आने पर किसी ने कांटेक्ट ट्रेसिंग नहीं की.
दूर कर ली गई है समस्या कांटेक्ट ट्रैकिंग को लेकर जब स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह से बात की गई तो उन्होंने भी माना कि कई जिलों में ऐसी समस्या आ रही है. उन्होंने कहा कि लखनऊ में भी कांटेक्ट ट्रेसिंग वैसी नहीं जैसी होनी चाहिए. एक पॉजिटिव मरीज पर 10 से 15 लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग होनी चाहिए. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस काम में समन्वय को लेकर कुछ समस्या थी. इसे दूर कर लिया गया है. 1-2 दिन में कांटेक्ट ट्रेसिंग बढ़ेगी.
जानें क्या है कांटेक्ट ट्रेसिंग जिस पर है सीएम का फोकस
- किसी के कोविड पॉजिटिव निकलने पर ये ट्रेस किया जाता है कि उसके संपर्क में कौन कौन आया. - इसके बाद जो लोग संपर्क में आए हों उनका नाम, पता, कांटेक्ट नंबर की लिस्ट बनती है. - फिर इन लोगों से संपर्क करके देखा जाता है कि इनमे कोई पॉजिटिव तो नहीं? - साथ ही संपर्क में आने वालों को क्या एहतियात बरतनी है बताया जाता है. - ये सब इसलिए कि कोविड पेशेंट के संपर्क में आने वालों को बाकी लोगों से दूर रखा जाए जिससे संक्रमण न फैले. - कोरोना काल की शुरुआत में 1 कोविड पेशेंट मिलने पर उसके संपर्क के 30 से 40 लोगों तक कि लिस्ट बनाकर ट्रेसिंग होती थी. - मामले और दबाव बढ़ने के साथ ये कम होता गया. - स्वास्थ्य विभाग के अनुसार एक मरीज के कम से कम 10 से 15 कांटेक्ट की ट्रेसिंग होनी चाहिए जो होने में समस्या आ रही है.
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