देहरादून, एबीपी गंगा। कोरोना वायरस का काला साया चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra 2020) पर भी छाया हुआ है। कोविड-19 (Covid-19) के खतरे को देखते हुए बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तारीखों में बदलाव कर दिया गया है। बदरीनाथ धाम के कपाट अब 30 अप्रैल की जगह 15 मई को खोले जाएंगे, जबकि केदरानाथ धाम के कपाट आगामी 14 मई को खुलेंगे। टिहरी राज दरबार की तरफ से शुभ मुहूर्त देखकर कपाट खुलने की तारीख में बदलाव किया गया है।


15 मई को खुलेंगे बदरीनाथ के कपाट


बता दें कि लॉकडाउन (Lockdown) और कोरोना (Coronavirus) के खतरे के मद्देनजर चार धाम यात्रा भी प्रभावित हुई है। सोमवार को यात्रा को लेकर टिहरी महाराज मनुजेंद्र शाह के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बैठक की। जिसमें लॉकडाउन की वजह से उत्पन्न मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीखों में बदलाव करने का निर्णय लिया गया। इस फैसले के बाद अब आगामी 15 मई को प्रातः 4:30  बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे, जबकि 14 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। इसकी जानकारी खुद राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दी।



केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट खुलने की बदली तारीख


गौरतलब है कि बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथियों में टिहरी राज परिवार की घोषणा के बाद बदलाव किया गया है। पहले 29 अप्रैल को केदारनाथ और 30 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने थे, लेकिन अब केदारनाथ जी के कपाट 14 मई और भगवान बदरीनाथ जी के कपाट 15 मई को प्रातः 4:30 बजे खुलेंगे। वहीं, 26 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे। गाडु घड़ा परंपरा के लिए तिल का तेल निकालने के लिए 5 मई  की तिथि तय की गई है।


इस संबंध में सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में श्री बदरीनाथ एवं श्री केदारनाथ के संबंध में बैठक की गई। बैठक में टिहरी की महारानी एवं सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी एवं सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर मौजूद रहे। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि टिहरी महाराज ने लॉकडाउन को देखते हुए मंदिर खोलने की तिथियों में बदलाव किया है। अब रावल भी क्वारंटीन पूरा होने के बाद कपाट खोलने की तिथि से ही विधिवत पूजा कर सकेंगे।


इतिहास में पहली बार कपाट खुलने की तिथि में परिवर्तन


बता दें कि इतिहास में पहली बार बदरीधाम और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख के बदलाव हुआ है। भगवान बदरीधाम के कपाट खुलने का दिन टिहरी राजदरबार में राजा की कुंडली से निश्चित किया जाता है। आज एक बार फिर राजा टिहरी दरबार की कुंडली और धर्मिक परम्पराओं को देखते हुए संकट काल के दौर में बदरीधाम के कपाट खोलने की तिथि में पहली बार बदलाव हुआ है। बदरीनाथ के धर्माधिकारी का कहना है कि महामारी के चलते धर्म शास्त्र भी यही कहता है, जो आज टिहरी राजदरबार में महाराज ने निर्णय लिए है, जिसका स्वागत हुआ है।




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