एटा, एबीपी गंगा। वैश्विक महामारी कोरोना से जहां देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ा गई है, तो वहीं अब उत्तर प्रदेश में गेंहू की खरीद पर भी कोरोना की काली छाया मंडरा रही है। उत्तर प्रदेश के एटा जिले में किसान कोरोना की वजह से सरकारी गेंहू खरीद केंद्रों पर बहुत कम पहुंच रहे है, जिससे जिले में  गेंहू की सरकारी खरीद प्रभावित हो रही है। गेंहू की सरकारी खरीद शुरू हुए तीन दिन बीत जाने के बाद भी एटा जिले में 75 गेंहू खरीद केंद्रों में अभी तक एक गेंहू का दाना बेंचने भी कोई किसान नहीं आया है। इस बात को लेकर यहां के अधिकारी चिंतित है। एटा के जिला खाद्य विपणन अधिकारी नंद किशोर इसके पीछे कोरोना को मुख्य वजह मानते हैं। उनका कहना है कि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से किसान मंडी में आ नहीं रहा। अधिकांश गेंहू खरीद केंद्र सूने पड़े हैं ।

कोरोना महामारी और इसके प्रभाव से किसान भी अछूता नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के दौरान ही भले ही गेंहू की खरीद शुरू करवा दी हो, लेकिन कोरोना का जिन्न यहां भी पीछा नहीं छोड़ रहा है। इस वर्ष एटा जिले में कुल गेंहू खरीद का लक्ष्य 60500 मीट्रिक टन रखा गया है, जिसके लिए जिलेभर में शुक्रवार को 88 सरकारी गेंहू खरीद केंद्र जिला प्रशासन द्वारा खोले गए हैं। किसानों से सरकार द्वारा सरकारी गेंहू खरीद केंद्रों पर गेंहू बेचने की अपील भी की गई हैं। अखबारों में इश्तहार भी छपवाए गए हैं। लेकिन फिर भी इतना सब के बाद भी किसान अपना गेंहू लेकर सरकारी गेंहू खरीद केंद्रों में बहुत कम संख्या में पहुंच रहे हैं।



इसके पीछे एटा के जिला खाद्य विपणन अधिकारी नंद किशोर कोरोना महामारी के चलते चल रहे लॉकडाउन को मानते हैं। उनका कहना है कि कोरोना के चलते लॉकडाउन के कारण किसान गेंहू क्रय केंद्रों पर वर्तमान में बहुत कम संख्या में  पहुंच रहा है। यही कारण है कि एटा में बनाये गए कुल 88 गेंहू क्रय केंद्रों में से 75 केंद्रों पर सरकार द्वारा 15 अप्रैल से गेंहू खरीद शुरू किए जाने के बाद भी कोई भी किसान अपना गेंहू बेचने नहीं आया है। मात्र 13 केंद्रों पर ही तीन दिनों में 22 किसानों ने 87.300 मीट्रिक टन गेंहू बेचा है। जिसे देखकर लगता है कि यदि ऐसी ही स्पीड रही, तो एटा जनपद में निर्धारित किया गया गेंहू खरीद का लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पाएगा।


जनपद में गेंहू खरीद केंद्रों पर कई अव्यवस्थाएं भी देखने को मिलीं। इसके अतिरिक्त कोरोना महामारी के बचाव के चलते गेंहू खरीद केंद्रों को सैनेटाइज नहीं किया गया है। साथ ही, मजदूरों के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के भी कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं। कुल मिलाकर वर्तमान में किसानों की सरकारी गेंहू खरीद केंद्रों पर आवक बहुत ही कम है और इसका सबसे बड़ा कारण कोरोना महामारी के भय और लॉकडाउन  को बताया जा रहा है। ऐसे के यदि जिला प्रशासन ने जल्द ही किसानों को गेंहू खरीद केंद्रों पर आकर अपना गेंहू बेचने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार एवं सहयोग नहीं किया, तो गेंहू खरीद का लक्ष्य प्राप्त करना भी मुश्किल हो जाएगा।



यह भी पढ़ें: