मेरठ. उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. मेरठ में कोरोना मरीजों के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने फैसला लिया है कि एक से 12 जुलाई तक स्वास्थ्य विभाग की टीम डोर-टू-डोर जाकर स्वास्थ्य परीक्षण करेगी. इस काम के लिए 1400 टीमों को लगाया गया है. टीम का लक्ष्य है कि जिले के प्रत्येक घर का स्वास्थ्य परीक्षण हो और कम से कम 3000 लोगों का पूल टेस्ट भी किया जाए, जिससे कोरोना महामारी की चैन को तोड़ा जा सके. ये काम पूरे मेरठ मंडल में शुरू किया गया है.
मेरठ में कोरोना महामारी का संक्रमण लगातार बढ़ा है. बढ़ते आंकड़ों और मौतों से स्वास्थ्य विभाग परेशान है. लेकिन, अब स्वास्थ्य विभाग ने ठान लिया कि इस महामारी की चैन को तोड़ना होगा और यही वजह है कि मेरठ स्वास्थ्य विभाग एक जुलाई से जिले के प्रत्येक घर जाकर स्वास्थ्य परीक्षण करेगा. परीक्षण से मरीजों की सही स्थिति का पता चल सकेगा और वक्त रहते उनका इलाज भी संभव होगा.
चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजकुमार की मानें तो जिले में स्वास्थ्य विभाग की 1400 टीमें लगाई गई हैं जो डोर-टू-डोर जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगी और जो लोग संदिग्ध यानी जिन्हें जुखाम-बुखार, खांसी या अन्य बीमारियां होंगी उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर उनके सैंपल लिए जाएंगे. जो मरीज ज्यादा गंभीर दिखेगा उसका रैपिड एंटीजन टेस्ट कराकर 20 से 30 मिनट में जानकारी ली जाएगी कि ये मरीज कोरोना संक्रमित है या नहीं.
मेरठ स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि इस बार पूरे जिले का स्वास्थ्य परीक्षण हो जिससे कोई कमी न रह जाए. इस कार्य के लिए जो 1400 टीमें लगाई गई हैं वो प्रतिदिन अपनी रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करेंगी. चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि 'हमे पूरी उम्मीद है कि जो हमारा लक्ष्य है हर घर का स्वस्थ्य परीक्षण करने का वो पूरा होगा. इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजी जाएगी. ये कार्य पूरे मेरठ मंडल में शुरू किया गया है.'
बता दें कि मेरठ में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 967 हो चुकी है. वहीं, मरने वालों का आंकड़ा भी 69 पर पहुंच गया है. फिलहाल राहत की बात ये है कि 641 मरीज पूरी तरह ठीक होकर घर जा चुके है और 257 मरीज अभी भी एक्टिव है जिनका इलाज अभी चल रहा है.
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