Haridwar Kumbh Mela 2021: महाकुंभ पर नजर आ रहा है कोरोना का प्रभाव, पढ़ें- खास रिपोर्ट
हरिद्वार कुंभ मेले के आयोजन को लेकर कोराना का प्रभाव साफ नजर आ रहा है. सरकार की तरफ से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए नए नियम जारी किए हैं तो वहीं संत व्यवस्थाओं को लेकर नाराज हैं.
हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार में महाकुंभ 2021 को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं. सरकार ने भी साफ कर दिया है कि महाकुंभ मात्र 30 दिनों का होगा. यानी 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा. कुभ की व्यवस्थाओं को पूरा करने के लिए प्रशासन अपने स्तर पर तैयारियां कर रहा है लेकिन, सरकार की व्यवस्थाएं क्या होंगी इसको लेकर अभी भी सवाल बने हुए हैं.
नाराज हैं संत मेला प्रशासन कुंभ के काम पूरे होने के दावा कर रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. यही वहज है कि कुंभ के आयोजन से पहले संतों में नाराजगी देखने को मिल रही है. संतों का कहना है कि कुंभ के दौरान जो साधु संत हरिद्वार आएंगे उनके ठहरने की व्यवस्था कहां होगी, इसे लेकर भी स्थिति साफ नहीं है. टेंट ना लगाए जाने को लेकर निर्मोही अखाड़े के संतों नाराजगी जताते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. संतों का कहना है कि सरकार और मेला प्रशासन कुंभ को लेकर गंभीर नहीं है.
भजन, गायन और भंडारे पर रोक संतों की नाराजगी के बीच आपको ये भी बता दें कि, कोरोना महामारी के दौर में आयोजित होने वाला ये कुंभ मेला बीते अन्य कुंभ मेलों से काफी अलग होगा. इस बार कुंभ मेले के दौरान किसी भी स्थान पर संगठित रूप से भजन और भंडारे की मनाही रहेगी. उत्तराखंड सरकार की तरफ से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पहले ही नए नियम जारी कर दिए गए हैं. आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव ने कुंभ मेला क्षेत्र के लिए आदेश जारी करते हुए हाल ही में कहा था है कि कुंभ मेले के दौरान पूरे मेला क्षेत्र में किसी भी स्थान पर संगठित रूप से भजन, गायन और भंडारे के आयोजन पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा.
दिख रहा है कोरोना का प्रभाव इतना ही नहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि, "होटल और अतिथि गृह में विभिन्न स्थानों समेत हर कमरे में कोविड-19 की रोकथाम के लिए जरूरी जानकारियां, गाइडलाइन्स, कंट्रोल रूम नंबर सहित नजदीकी कोविड उपचार केंद्र के नंबर प्रदर्शित किए जाएंगे. यात्रियों का विवरण (यात्रा इतिहास, चिकित्सा स्थिति आदि) के साथ-साथ पहचान पत्र और स्वघोषणा पत्र अतिथि को स्वागत कक्ष में जमा करना होगा. प्रबंधकों को संबंधित दस्तावेज संभाल कर रखने होंगे.''
उत्तराखंड सरकार ने किया ये अनुरोध कुंभ मेले की अवधि कम करने के साथ-साथ मेले में 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, 10 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों, अति संवेदनशील और बीमार व्यक्तियों को मेले में नहीं आने की सलाह दी गई है. केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के आधार पर उत्तराखंड सरकार ने विभिन्न प्रदेशों से ये अनुरोध किया है.
बचाव और सावधानियां बरतने के निर्देश उत्तराखंड प्रशासन के मुताबिक श्रद्धालुओं की बस और रेलवे स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार की तरफ से बचाव और सावधानियां बरतने के संबंध में दिशा निर्देश प्रसारित किए जा रहे हैं. कुंभ में आने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग और आरटी-पीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य करने के लिए भी रेलवे बोर्ड से अनुरोध किया है.
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