प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में माघ मेले की शुरुआत 14 जनवरी से होगी, लेकिन आस्था की इस नगरी में साधु-संतों और श्रद्धालुओं के आने से पहले ही कोरोना की महामारी ने एंट्री कर ली है. तम्बुओं की नगरी के आबाद होने से पहले ही मेला क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण तेजी से पांव पसारने लगा है. मेले में संत-महात्माओं और आम श्रद्धालुओं को संक्रमण से बचाने की जिम्मेदारी जिन पुलिसकर्मियों के जिम्मे थी, अब वही महामारी की चपेट में आ रहे हैं. उन्हें ड्यूटी करने के लिए थाने और चौकियों में भेजे जाने के बजाय इलाज और देखरेख के लिए अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटर्स में भेजा जा रहा है.


दो दर्जन के करीब पुलिसकर्मी संक्रमित
आस्था के इस मेले में अब तक दो दर्जन के करीब पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं. ये आंकड़ा तब है जब अभी यहां गिनती के ही पुलिस वाले ड्यूटी के लिए आए हैं. मेला क्षेत्र में लगातार पुलिसकर्मियों के संक्रमित होने से हड़कंप मचा हुआ है. मेला प्रशासन से लेकर सरकार तक इसे लेकर न सिर्फ फिक्रमंद हैं, बल्कि नए सिरे से रणनीति भी बनाई जाने लगी है.


मेले को लेकर फुलप्रूफ कदम नहीं उठाए गए
कहना गलत नहीं होगा कि जिस हालात में पुलिसकर्मी खुद तेजी से संक्रमित हो रहे हैं, ऐसे में वो लाखों-करोड़ों की भीड़ को कैसे संक्रमण से बचाएंगे और उन्हें सकुशल वापस घर भेजने के इंतजाम करेंगे. सरकारी अमला भी अब लोगों को संक्रमण से बचाने को बड़ी चुनौती मानने लगा है. हालांकि, चुनौती मानने के बावजूद मेले को लेकर कोई फुलप्रूफ कदम नहीं उठाए गए. लोग बेरोक-टोक मेला क्षेत्र में एंट्री कर रहे हैं तो साथ ही मेले के सरकारी महकमों में ही कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ रही हैं.


श्रद्धालुओं से पहले कोरोना ने दी दस्तक
आस्था के इस मेले में अभी आम श्रद्धालुओं के लिए कोविड की जांच शुरू नहीं की जा सकी है. जानकार इसे और भी खतरनाक मान रहे हैं. उनका कहना है कि जब मेले में कुछ संक्रमित लोग पहुंच ही जाएंगे, उसके बाद इंतजाम करने का कोई फायदा नहीं होगा. बेहतर होता कि पहले से ही पूरे मेला क्षेत्र को बैरीकेड कर जांच करा चुके लोगों को ही एंट्री दी जाती. विपक्षी पार्टियों ने भी मेले में पुलिसकर्मियों के संक्रमित होने के बाद सरकारी अमले की सक्रियता और संजीदगी पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. कहा जा सकता है कि आस्था के इस मेले में साधु-संतों और श्रद्धालुओं के आने से पहले ही कोरोना ने दस्तक दे दी है.


जारी की गई है एडवाइजरी
बहरहाल, अब तय ये किया गया है कि मेले में एक महीने तक रुकने वाले कल्पवासियों और ड्यूटी करने वाले सभी कर्मचारियों की जांच के बाद ही उन्हें मेला क्षेत्र में रहने या ड्यूटी करने की इजाजात दी जाएगी. इसके साथ ही मेले में अलग-अलग दिनों पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को भी कोविड रिपोर्ट लाने की एडवाइजरी जारी की गई है.


करना होगा कोविड प्रोटोकाल का पालन
प्रयागराज रेंज के आईजी पुलिस कवीन्द्र प्रताप सिंह के मुताबिक अब पूरे मेला क्षेत्र को सील कर सिर्फ 16 एंट्री प्वाइंट्स बनाए जाएंगे. हर एंट्री प्वाइंट पर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की साझा कोविड टास्क फोर्स की तैनाती की जाएगी. हर टास्क फोर्स में 5 लोग शामिल रहेंगे. ये लोग श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग करने के साथ ही उन्हें मास्क लगाने और सेनेटाइजर साथ रखने के लिए कहेंगे. इसके साथ ही कोविड रिपोर्ट न लाने वाले कुछ श्रद्धालुओं की रैंडम एंटीजन टेस्टिंग भी की जाएगी. कोविड टास्क फोर्स की टीमें एंट्री प्वाइंट्स के साथ ही मेला क्षेत्र में मोबाइल रहकर भी लोगों को कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने का काम करेंगी.


अफसरों की लापरवाही
दरअसल, प्रयागराज में माघ के महीने में करीब डेढ़ से दो महीने तक हर साल आस्था का मेला लगता है. इस मेले में तकरीबन 5 करोड़ श्रद्धालु आते हैं. सीएम योगी की पहल पर इस बार भी माघ मेले का आयोजन हो रहा है. इस बार का माघ मेला 14 जनवरी को मकर संक्रांति से शुरू होकर 11 मार्च को महाशिवरात्रि तक चलेगा. मेले में संक्रमण रोकने को लेकर योगी सरकार ने तमाम एहतियाती कदम उठाए जाने के दावे किये थे, लेकिन मेले की व्यवस्था में लगे अफसरों की लापरवाही के चलते सरकार की मंशा पर पानी फिरता हुआ दिख रहा है.


चुनौतियां अब और बढ़ गई हैं
खुद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य मानते हैं कि लोगों के कल्पवास के संकल्प को खंडित होने से बचाने के लिए मेले के आयोजन को मंजूरी दी गयी थी, लेकिन मेला शुरू होने से पहले ही तमाम पुलिसकर्मियों के कोरोना की चपेट में आने से चुनौतियां अब और बढ़ गई हैं. हालांकि, उन्होंने इस बात का भरोसा दिलाया है कि सरकार व्यवस्थाओं की नए सिरे से समीक्षा कर सभी एहतियाती कदम उठाएगी और संत-महात्माओं समेत किसी भी श्रद्धालु के साथ कोई अनहोनी नहीं होने दी जाएगी.


सरकार से खास इंतजाम किए जाने की अपील
मेले में अपना शिविर लगा चुके परमहंस आश्रम के संत मौनी बाबा और शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि श्री धरानंद ने कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर अपनी चिंता जताई है. उन्होंने इसे सरकारी अमले की लापरवाही माना है और सरकार से अब खास इंतजाम किए जाने की अपील की है.


जरूरी है श्रद्धालुओं की सुरक्षा
कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्र मोना और पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि सरकार को श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर ज्यादा गंभीर और सजग होना पड़ेगा. प्रयागराज रेंज के आईजी पुलिस केपी सिंह ने कहा है कि ड्यूटी देने से पहले कराई गई जांच की वजह से ही पुलिसकर्मियों में संक्रमण की तस्दीक हुई है. उनके मुताबिक मेले के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराया जाएगा.


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