बरेली, एबीपी गंगा। लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर मजदूर वर्ग पर पड़ता दिखाई दे रहा है। जहां हल्द्वानी से 18 मजदूर और रुद्रपुर से 6 मजदूर, 3 बच्चे पैदल चलकर बरेली पहुंचा है। लॉकडाउन की वजह से मजदूरों को अपने घरों तक पहुंचने के लिए कोई वाहन नहीं मिल रहा है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देश में 21 दिन का लॉकडाउन कर दिया गया है। जिसकी वजह से फैक्टरियां बंद कर दी गई हैं।


इस लॉकडाउन का असर सबसे ज्यादा उन गरीब मजदूरों पर पड़ा है, जो अपने घरों से दूर रहकर दूसरे जिलों में फैक्ट्रियों, कारखानों, मिलो में काम करते हैं, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया है। जिस वजह से मजदूर पैदल ही अपने घर पहुंच रहे हैं। सैकड़ों किलोमीटर की दूरी ये मजदूर पैदल पूरी कर रहे हैं। ऐसा ही कई मजदूर बरेली और बरेली के आसपास के है, जो रुद्रपुर और हल्द्वानी से पैदल आ रहे है।


रोते हुए बच्चे, पैदल आते मजदूरों की तस्वीर बरेली में देखने को मिली। जहां हल्द्वानी से 18 मजदूर पैदल चलकर बरेली पहुंचे हैं, जबकि रुद्रपुर से करीब 6 मजदूर पैदल चलकर बरेली पहुंचे हैं। जिन्हें बीसलपुर पहुंचना है। इसके अलावा एक परिवार जिसमें 3 बच्चे और उनका पिता रुद्रपुर से चलकर बरेली पहुंचा है, जिससे बिशारतगंज जाना है। इन सभी लोगों का कहना है कि लॉक डाउन की वजह से सभी फैक्टरियां बन्द है, जिस वजह से हम लोग अपने अपने घर जा रहे है, लेकिन कोई भी वाहन नहीं मिला है, जिस कारण पैदल ही जाना पड़ रहा है।


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