अयोध्या, एबीपी गंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद अब अयोध्या में प्रशासनिक अमला सक्रिय हो गया है। राम जन्म महोत्सव और रामनवमी को लेकर 25 मार्च से अयोध्या में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है इसी को देखते हुए जिलाधिकारी समेत तमाम पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी संत महंतों को समझाने में जुटे हैं कि कोरोना जैसी महामारी के समय इतनी भीड़ का एक साथ जुटना खतरे से खाली नहीं है।


यही कारण है कि अयोध्या के हनुमानगढ़ी समेत कई बड़े मंदिरों से धर्माचार्य और संत महंत लोगों को यह समझाने में जुटे हैं की भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने के बजाय अपने घर में पूजा-पाठ और अनुष्ठान करें। इसका असर भी अयोध्या में साफ दिखाई दे रहा है। हनुमानगढ़ी समेत अयोध्या के प्रमुख मठ मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ अचानक कम होती नजर आ रही है।



हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि लोग सुरक्षित रहें और भीड़-भाड़ वाले इलाके में ना जाएं। उन्होंने कहा कि धार्मिक जगहों पर भीड़-भाड़ होती है। रामनवमी मेला शुरू होने वाला है और ऐसे में लगभग 20 से 22 लाख की संख्या में भक्त अयोध्या आते हैं जिसको लेकर प्रशासन के आला अधिकारी वार्ता करने के लिए आए थे। उन्होंने कहा कि भक्तों से अपील है कि रामनवमी अपने घरों में यज्ञ, अनुष्ठान आदि हवन पूजन करें जिससे वातावरण शुद्ध होगा।



अयोध्या जिला प्रशासन के महंत नृत्य गोपाल दास से मिलकर उनसे आग्रह किया कि वो लोगों से अयोध्या ना आने की अपील करें। इस पर महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि वो लोगों को मना करके पाप के भागीदार नहीं बनेंगे। नृत्य गोपाल दास ने कहा कि जैसे मीडिया लोगों को जागरूक कर रहा है, वैसे ही प्रशासन गांव-गांव पहुंचकर लोगों से कोरोना के मद्देनजर अयोध्या ना जाने का आग्रह करे। उन्होंने कहा कि अयोध्या का परंपरागत मेला है, जिसमें किसी के आने का फैसला उनका निजी होता है, ऐसे में अगर लोग खुद से ना आएं तो भीड़ नहीं आएगी। इसके लिए प्रशासन को लोगों से आग्रह करना चाहिए।



गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपील की है कि लोग अपने घरों में ही रामनवमी मनाएं। इसके बाद भी अगर रामनवमी पर भीड़ आती है तो प्रशासन बाहर से आने वालों को अयोध्या की सीमा से ही लौटा सकता है। अगर भीड़ ज्यादा होने लगती है तो बाहरी लोगों को सीमा में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा।



श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की तरफ से 22 मार्च से 24 मार्च तक भगवान राम की प्रतिमा की शिफ्टिंग को लेकर एक अनुष्ठान किया जाएगा। इस अनुष्ठान में सीमित पुजारी हिस्सा लेंगे। 24 मार्च को ब्रह्म मुहूर्त यानी सूर्योदय के वक्त भगवान राम को टेंट से निकालकर अस्थाई ढांचे में प्रतिस्थापित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में भीड़ इकट्ठी नहीं होगी लेकिन हर कोई यह कार्यक्रम देख सके, इसके लिए लाइव टेलीकास्ट किया जायेगा।