नई दिल्ली, एबीपी गंगा। कोरोना वायरस के खतरे की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि दो हफ्ते आगे बढ़ा दी गई है। हालांकि, लॉकडाउन में फंसे मजदूरों और छात्रों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए उनकी आवाजाही के लिए ट्रेनों के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। ये ट्रेनें लॉकडाउन में फंसे लोगों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाएंगी। दरअसल, कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पिछले 38 दिनों से जारी लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग फंसे हुए हैं। जिनमें ज्यादातर छात्र और कामगार हैं।


इस दौरान तो कई मजदूर पैदल ही अपने घरों की ओर चल दिए। हालांकि, कोटा के छात्रों के अपने घरों पर पहुंचाने के लिए अलग-अलग राज्यों ने बसें जरूर चलाईं थी। इस दौरान अब दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों और छात्रों के लिए ट्रेन सेवा शुरू की जा रही है। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, 'ट्रेन से तीर्थयात्रियों, मजदूरों और छात्रों की आवाजाही की अनुमति दे दी गई है। रेलवे बोर्ड द्वारा इसी व्यवस्था की जाएगी।' इसके लिए राज्यों को रेलवे बोर्ड से संपर्क स्थापित करना होगा।



इससे पहले फंसे लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए तेलंगाना से झारखंड एक स्पेशल ट्रेन चलाई गई है। जिससे 1200 प्रवासियों को रवाना किया गया है। इसकी जानकारी देते हुए आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने बताया कि 24 बोगियों की इस ट्रेन को शुक्रवार सुबह चार बजकर 50 मिनट पर झारखंड के लिए रवाना किया गया है। ये प्रवासियों के लिए चलने वाली पहली ट्रेन है। अब शुक्रवार की शाम को केरल से करीब 12,00 प्रवासी मजदूरों को लेकर अलुवा रेलवे स्टेशन से एक विशेष ट्रेन ओडिशा के भुवनेश्वर के लिए रवाना होगी। इसकी जानकारी राज्य मंत्री वीएस सुनील कुमार ने दी है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से ओडिशा के प्रवासी मजदूर एर्नाकुलम जिले के राहत कैंपों रुके हुए थे। बता दें कि रेल मंत्रालय के जरिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिएएक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा।


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