वाराणसी, नितीश कुमार पाण्डेय। रामनवमी के अवसर पर पिछले 14 वर्षों से एकता का संदेश देते हुए मुस्लिम महिलाएं भगवान श्रीराम की आरती करती आ रही हैं। आज रामनवमी है और वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम की आरती उतारी। रामनवमी के अवसर पर इन महिलाओं ने भगवान श्रीराम से कोरोना के प्रभाव को दूर करने के साथ-साथ तब्लीगी जमात में शामिल लोगों को सद्बुद्धि प्रदान करने का आशीर्वाद मांगा।


सुभाष भवन, इंद्रेश नगर, लमही के सभागार में सामाजिक दूरी बनाते हुए चार मुस्लिम महिलाएं नेशनल सदर नाजनीन अंसारी की सदारत में भगवान श्रीराम की आरती करने के लिए पहुंची। किसी के हाथ में आरती की थाली थी, किसी ने लोहबान जलाया और किसी ने कपूर। सभी ने मुंह पर मास्क लगाया और आरती के साथ ही कोरोना से बचने के लिए लोगों को जागरूक भी किया।



देश में लगातार कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए महिलाओं ने भगवान श्रीराम से इस संकट को दूर करने की प्रार्थना की। इस बार जब कोरोना का संकट है तो मुस्लिम महिलाओं ने खास इस संकट को दूर करने के लिए भगवान राम की आरती की।


रामनवमी के अवसर पर मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने कहा कि तब्लीगी जमात के कट्टरपंथी मौलानाओं ने पूरे देश को संकट में डालने का पाप किया है। इस पाप से भगवान राम ही मुक्ति दिला सकते हैं। भगवान राम का नाम ही अधर्म और संकट से मुक्ति का नाम है। आरती में नाजनीन अंसारी के अलावा नजमा परवीन, नगीना बानो, तबस्सुम, नाजमा बानो ने भाग लिया।



महिलाओं ने उर्दू में लिखी श्रीराम आरती गाई और हनुमान चालीसा का पाठ कर इस भयानक संकट से मुक्त कराने के लिए प्रार्थना की। महिलाओं का यह मानना है कि भगवान राम के धरती पर अवतार लेने के दिन अर्थात रामनवमी के दिन से ही कोरोना का संकट कम होगा और जल्द ही खत्म हो जाएगा। इसके लिए जरूरी है कि सामाजिक दूरी बनाई जाए और लोग घरों में ही रहें।


आपको बता दें कि मुस्लिम महिला फाउंडेशन की मुस्लिम महिलाएं हर साल रामनवमी के अवसर पर भगवान श्री राम की आरती उतारती हैं और इस बार भी मुस्लिम महिलाओं ने भगवान राम को अपना पूर्वज बताया इसके साथ सभी से भगवान श्रीराम के पद चिन्हों पर चलने की अपील की।