मेरठ, एबीपी गंगा। कोरोना वायरस को लेकर दुनिया भर में मचे हाहाकार के बीच कई भारतीय जहां-तहां फंसे हैं। जापान पहुंचे एक क्रूज़ में मेरठ के पीयूष समेत कई लोग फंसे हैं। बताया जा रहा है कि इसमें 64 यात्रियों में कोरोना वायरस की पुष्टि होने से जापान में खलबली मच गई है और जापान सरकार ने पानी के जहाज को अपनी सीमा में आने से मना कर दिया है और आनेवाली 19 फरवरी तक जहाज अब समंदर में ही रखा जाएगा, जहां जहाज में सवार यात्रियों की 14 दिनों तक निगरानी की जाएगी ।


मेरठ के शास्त्रीनगर निवासी पीयूष वशिष्ठ पुत्र मूलचंद जो कि गुड़गांव के सेक्टर 33 स्थित एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। पीयूष के घर वालों ने बताया कि पीयूष छह सहकर्मियों के साथ 25 जनवरी को भारत से हांगकांग गए थे, डायमंड प्रिंसेस नामक पानी का जहाज उसी दिन जापान के लिए निकला था, जिसमें 3700 लोग सवार थे। क्रूज़ जापान के योकोहामा बंदरगाह पहुंचा तब कई यात्रियों में कोरोना के लक्ष्ण उभरे। इसके बाद जापान की सरकार हरकत में आ गई 273 संदिग्ध लोगों की जांच में पता चला कि 61 यात्रियों में कोरोनावायरस पहुंच चुका है और बाद में 3 और लोग में भी कोरोना वायरस की पुष्टि हुई यानी अब तक कुल 64 लोगों में कोरोना वायरस पहुंचने की पुष्टि हो चुकी है।


पीयूष के घरवालों का कहना है कि सभी मरीजों को आइसोलेट कर अस्पताल में दाखिल कराया गया। इसके साथ ही क्रूज़ को वहीं रोक दिया गया और क्रूज में बचे बाकी लोगों पर डॉक्टर की टीम 14 दिनों तक निगरानी रखेगी यानी 19 फरवरी तक। पीयूष के घर वालों को कहना है कि जापान के बंदरगाह पर खड़े पानी के जहाज में फंसे भारतीय दल ने शाकाहारी भोजन के लिए दूतावास से गुहार लगाई है, राजदूत को ईमेल किया गया है। पीयूष के घर वालों का कहना है कि पीयूष ने उन्हें बताया है कि क्रूज़ में ज्यादातर मांसाहारी हैं। रसोई में शाकाहारी भोजन की कमी है।


उन्होंने शाकाहारी खाने के लिए मांग की है। पीयूष के घर वाले पीयूष से लगातार वीडियो कॉल पर संपर्क में हैं और पीयूष की वापसी के लिए बेचैन हैं, उसके घरवालों का कहना है कि अभी तक वह सुरक्षित हैं।