कोरोना वायरस से निपटने में दुनिया के तमाम देश नाकाम साबित हो रहे हैं। वहीं, रूस ने अब तक इस बीमारी से जनहानि को रोकने में सफलता पाई है। इस वायरस ने दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्‍क कहे जाने वाले अमेरिका की कमर तोड़कर रख दी है। अमेरिका में मौतों की संख्‍या 773 हो गई है। इटली, स्‍पेन जैसे विकसित देश भी COVID-19 के आगे पस्‍त हो चुके हैं।


गौरतलब है कि, भारत में 21 दिन के लॉकडाउन के बीच बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई। दोनों नेताओं के बीच यह वार्ता जी-20 की आगामी आपात वार्ता से पहले बुई है। इस दौरान दोनों नेताओं ने कोरोना वायरस की महामारी से उत्पन्न हालात पर अपने-अपने विचार साझा किए।


रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि, 'दोनों देशों के बीच जारी विश्वसनीय संवाद जो रूस और भारत के विशेष रणनीतिक संबंधों को प्रतिबिंबित करते हैं की कड़ी में व्लादिमीर पुतिन और नरेंद्र मोदी ने एक दूसरे को विस्तार से उन उपायों के बारे में बताया जो दोनों देशों ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए उठाये हैं।'



विज्ञप्ति के मुताबिक रूस में भारतीय नागरिकों और भारत में रूसी नागरिकों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के लिए दोनों देशों ने एक दूसरे की प्रशंसा की। क्रेमिलन ने बताया कि दोनों देश कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए।


गौरतलब है कि, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी-20 के वैश्विक संकट से निपटने में कथित ढुलमुल रवैये की आलोचना के बीच सऊदी अरब जिसके पास अभी जी-20 समूह की अध्यक्षता है ने पिछले हफ्ते वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये सम्मेलन बुलाने का आह्वान किया था।



कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने में सहयोग बढ़ाने के लिए गुरुवार को सम्मेलन होगा जिसकी अध्यक्षता सऊदी अरब के शाह सलमान करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सहित जी-20 समूह के नेता इसमें शामिल होंगे।