(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Coronavirus: जेल की सलाखों तक पहुंचा कोरोना, पॉजिटिव मिला आगरा सेंट्रल जेल में बंद कैदी
उत्तर प्रदेश के आगरा में कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। केंद्रीय कारागार में बंद कैदी कोरोना पॉजिटिव मिला है। जेल में संक्रमण कैसे पहुंचा, प्रशासन को ये ट्रेस कर पाना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है।
आगरा, नितिन उपाध्याय। आगरा में कारागार की सलाखों को भी कोरोना भेदने लगा है। केंद्रीय कारागार का सजायाफ्ता कैदी कोरोना पॉजिटिव निकला है। 3 मई को कैदी को सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। 4 मई को सैंपल लिया गया था। बुधवार को आई रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई है। अब उसके संपर्क में आने वाले 14 कैदियों को जेल में ही क्वारन्टीन कर दिया गया है, साथ ही कर्मचारियों की सूची तैयार की जा रही है। इन सभी का कोरोना टेस्ट भी कराया जाएगा।
संक्रमित कैदी वीरेंद्र कुमार झांसी का रहने वाला है। उसकी उम्र करीब 60 साल है। हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा हुई है। ब्लड प्रेशर बढ़ने और ब्रेन स्ट्रोक होने पर उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीके सिंह ने बताया कि बंदी के कोरोना पॉजिटिव मिलने पर जेल परिसर को सैनिटाइज कराया गया है। जेल में पहले से सैनिटाइजेशन हो रहा था। मुलाकात बंद थी। स्टाफ को भी सैनिटाइज होने के बाद ही अंदर जाने दिया जाता है।
आखिर संक्रमित कैसे हुआ लॉकडाउन के बाद से ही जेल में मुलाकात बंद है। ऐसे में कोई बाहरी नहीं आ सकता है। ये कैदी सेंट्रल जेल में दिसम्बर 2019 से रह रहा है। आशंका यह भी है कि वह जेल परिसर में ही संक्रमित हो गया हो। क्योंकि, जेल के कई कर्मचारी बाहर से आते हैं।
दूसरी आशंका यह है कि कैदी एसएन मेडिकल कॉलेज में संक्रमित हुआ हो। केंद्रीय कारागार में क्षमता से अधिक बंदी रह रहे हैं। इस समय सेंट्रल जेल में करीब 1950 कैदी रह रहे हैं। ऐसे में एक बैरक में 50 से अधिक बंदी रहते हैं। अब जब एक बंदी संक्रमित निकला है तो उसके साथ एक ही बैरक में रहने वाले अन्य बंदियों के भी संक्रमित होने की संभावना है।
जेल में संक्रमण कैसे पहुंचा, प्रशासन को ये ट्रेस कर पाना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। जेल प्रशासन के अनुरोध पर प्रशासन इस कैदी की री सैम्पलिंग भी कराएगा ताकि कोरोना को लेकर कोई कन्फ्यूजन ना रहे।