वाराणसी, नितीश कुमार पाण्डेय। गुजरात के भुज से सोमवार को 1200 यात्रियों को लेकर स्पेशल ट्रेन वाराणसी पहुंची. यात्रियों को घर भेजने को लेकर तमाम इंतजाम किए गए थे, लेकिन इसी बीच बड़ी खामी भी नजर आई. बस से यात्रियों को उनके घर तक ले जाने वाले चालकों और परिचालकों को खुद के स्वास्थ्य की चिंता सता रही है. चालक और परिचालक का न तो कोई चेकअप हो रहा है और न ही कोई पुख्ता व्यवस्था. गंदे मास्क और सैनिटाइजर के सहारे चालक और परिचालक ड्यूटी निभाने को मजबूर हैं.


स्वास्थ्य परीक्षण की मांग
ट्रेन यात्रा पूरी करने के बाद बस की यात्रा करके लोग अपने गंतव्य तक जा रहे हैं. इन यात्रियों की स्टेशन पर थर्मल स्कैनिंग की गई. लेकिन, इस बीच बस के चालकों और कंडक्टर की न होने वाली जांच चिराग तले अंधेरा की कहावत को सिद्ध कर रही है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच खुद को कैसे बचाया जाए ये चिंता का कारण बन गया है. हालात ये हैं कि अब ड्राइवर और अन्य कर्मचारी चेकअप की मांग कर रहे हैं.



वाराणसी पहुंची सातवीं ट्रेन
वाराणसी में लगातार ट्रेन से यात्रियों के आने का सिलसिला जारी है. वाराणसी में स्टेशन पर जगह-जगह हेल्प डेस्क बनाये गए हैं और आने वाले वालों को सरकारी बसों के द्वारा घर भेजा जा रहा है. स्टेशन पर आने वाले सभी यात्रियों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई है, इसके साथ ही स्टेशन पर लगातार सैनिटाइजेशन का कार्य भी किया जा रहा है.



कोरोना का खौफ
दावे तो बड़े-बड़े हो रहे हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही है. यात्रियों के साथ-साथ बस के चालक और परिचालक डरे हुए नजर आ रहे हैं. लिहाजा, अब ये स्वयं के द्वारा अपनी जांच कराने की मांग कर रहे हैं. अब देखना होगा कि अधिकारी तंत्र और व्यवस्था का अगला कदम इनके लिए क्या होता है.