मुरादाबाद, एबीपी गंगा। एक तरफ जहां कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है वहीं, इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ एसटी हसन ने प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कोरोना को लेकर संजीदा नहीं हैं वो शायद किसी बहुत बड़े तांत्रिक के प्रभाव में हैं और वो समझते हैं कि तांत्रिक क्रिया से कोरोना भाग जायेगा, इसीलिए वो पूरे देश की जनता को प्राइमरी स्कूल के बच्चों की तरह खेल खिलौनों में लगाकर उनका माइंड डायवर्ट करना चाहते है।
सांसद ने कहा कि सच्चाई नहीं बताई जा रही है और प्रधानमंत्री को लगता है की थाली बजाने और टार्च दिखाने से शायद कोरोना भाग जायेगा। 21वीं सदी में एक प्रधानमंत्री को ये शोभा नहीं देता है। प्रधानमंत्री को लोगों का दिमाग डायवर्ट करने के बजाए लोगों से अपने अपने धर्म के मुताबिक इबादत पूजा कर ईश्वर से प्रार्थना करने के लिए कहना चाहिए था।
एसटी हसन ने तब्लीगी जमात के लोगों का बचाव करते हुए कहा की जमात के लोग बड़े नेक इंसान होते हैं उन पर जो आरोप लगाये जा रहे है उसके सबूत में सीसीटीवी फुटेज या मोबाईल क्लिप क्यूं सार्वजनिक नहीं किये जा रहे हैं। हर अस्पताल में सीसीटीवी लगे हुए हैं, ऐसे में जमात वालों पर बदसलूकी के जो आरोप लगाये जा रहे हैं उसके सीसीटीवी फुटेज दिखाए जाएं।
सांसद एसटी हसन ने आरोप लगाया की यह एक फिरके को बदनाम करने की साजिश है। ऐसे समय में ये नहीं होना चाहिए। ये हर हाल में बंद होना चाहिए। हसन ने सवाल खड़ा किया की जब राहुल गांधी और विपक्ष के नेताओं ने कोरोना पर सरकार से लॉकडाउन करने के लिए कहा था तब तो सरकार पार्लियामेंट को चलाती रही और विदेश से लगभग 15 लाख लोगों को हवाई जहाज से देश में आने दिया गया और उनका वहां टेस्ट नहीं किया गया।
हसन ने कहा कि हवाई जहाज से आने वालों की वजह से आज देश में रिक्शा चलाने वालों का जीना मुहाल हो गया है। वो गलती किसकी है, उसी समय लॉकडाउन होना चाहिए था लेकिन विपक्ष की बात नहीं मानी गई और दिल्ली में 20 मार्च को स्कूल सब बंद कर दिए गये थे लेकिन 23 मार्च तक पार्लियामेंट चलती रही। ये सत्ता का दुरूपयोग किया गया। कोरोना फैलने के बाद भी देश से वेंटिलेटर और मास्क का दस गुना कीमत पर निर्यात होता रहा, सरकार को हमारी जिंदगी की फिक्र नहीं है, पैसा कमाने की फिक्र है, इतिहास कभी माफ नहीं करेगा।