लखनऊ: कोरोना की तीसरी संभावित लहर की तैयारी के मद्देनजर प्रदेश भर में पीकू यानी पीडियाट्रिक आईसीयू तैयार किए जा रहे हैं. लेकिन लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में तैयार पीडियाट्रिक वार्ड अपने आप में अनोखा है. इसे बाहर से देखने पर ऐसा लगता है कि ये कोई अस्पताल नहीं बल्कि प्ले स्कूल हो. यहां दीवारों पर कार्टून कैरेक्टर्स हैं तो वार्ड में प्ले स्टेशन एरिया.


दरअसल, कोविड की संभावित तीसरी लहर में सबसे ज्यादा खतरा बच्चों के लिए बताया जा रहा है. इसीलिए प्रदेश भर में पीडियाट्रिक आईसीयू बनाये जा रहे हैं. लोकबंधु अस्पताल में जब इसे बनाने की शुरुआत हुई तो ये विचार हुआ कि अगर कोई बच्चा यहां एडमिट होता है तो वो बड़े लोगों की तरह सिर्फ अपने बेड तक सीमित नही रहेगा. वो कमरे से बाहर भी आएगा. 


अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि बच्चे परेशान न हों और उन्हें खेलने का मौका मिले इसलिए वार्ड को विशेष रूप से तैयार कराया है. उनको घर या स्कूल जैसा माहौल मिले इसके लिए दीवारों, दरवाजों, खिड़कियों पर कार्टून कैरक्टर्स बनवाये गए हैं. बच्चों के लिए खिलौने और ड्राइंग बुक्स, क्रेयॉन्स का भी इंतज़ाम किया है. अच्छा माहौल मिलने से बच्चे जल्द रिकवर होंगे.




पीडियाट्रिक वार्ड में कुल 100 बेड हैं


पूरे वार्ड के कांसेप्ट, डिजाइनिंग में अहम भूमिका निभाने वाली अस्पताल की स्टाफ नर्स मौसमी का कुछ ही दिन पहले निधन हो गया है. ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने इस वार्ड को अपनी इसी स्टाफ नर्स के नाम पर डेडिकेट किया है.


अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में कुल 100 बेड हैं. इसमे से 14 बेड पीकू यानी पीडियाट्रिक आईसीयू के हैं. पीकू के सभी 14 बेड पर वेंटीलेटर की व्यवस्था है. चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि ये वार्ड लगभग तैयार हो चुका है. जो थोड़ा बहुत काम बचा भी है वो चंद दिनों में पूरा हो जाएगा.


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