सांसदों और भाजपा नेताओं ने प्रियंका वाड्रा और अजय लल्लू को दिखाया आईना


लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखने वाली कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के खिलाफ अब उत्तर प्रदेश के सांसदों और बीजेपी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी के सांसदों ने प्रियंका का घेराव करते हुए कहा कि काश प्रियंका वाड्रा एक-दो चिट्ठी महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़ के लिए भी लिख देतीं.


बता दें कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ट्वीटर पर प्रियंका वाड्रा का पत्र शेयर करते हुए लिखा था कि मध्यम वर्ग की समस्याओं, लघु और कुटीर उद्योगों, कारीगरों और किसानों की समस्याओं पर कुछ सुझावों और मांगों सहित कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इसके साथ ही, उन्होंने उस पत्र की फोटो भी शेयर की, जो प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा है.





इस पर कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी ने ट्वीट कर है कि नसीहत के लिए शुक्रिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले से ही इन सभी विषयों पर प्रयासरत हैं. यह देखकर अच्छा लगा कि देश की आजादी के बाद से गरीबों के हक का पैसा लूटने वाले आज नसीहत दे रहे हैं. इसी को कहते है चोर की दाढ़ी में तिनका.





वहीं, कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक ने भी कांग्रेस को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा, 'बेहतर होगा कि प्रियंका एक-दो चिट्ठी महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ के लिए भी लिख दें. वहां की सरकारें मजदूरों को नहीं संभाल पा रहीं हैं.'


फर्रुखाबाद के सांसद मुकेश राजपूत ने  कहा, 'योगी आदित्यनाथ सबसे छोटी उम्र में सांसद बनने वाले नेता हैं और तीन बार सांसद बनने के बाद मुख्यमंत्री बने हैं. उन्हें किसी गैरजिम्मेदार और खानदान के नाम पर राजनीति करने वाली अनुभवहीन नेता की सलाह की जरूरत नहीं है.


राज्यसभा सदस्य कांता कदम ने भी पत्र को लेकर कांग्रेस को घेरा है. उन्होंने कहा, 'नसीहत अच्छी देते हैं आप, एक बात बता दीजिये, आपकी सरकारों में देश की आजादी के बाद से गरीबों का जो हक का पैसा मारा है उसका विवरण कब देंगे आप.'


प्रियंका ने पत्र में किया लिखा


बता दें कि कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उन्हें कोरोना काल में छोटे-मध्यम व्यापारियों, किसानों, संविदा कर्मियों, गरीब और मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए 11 सुझाव दिए हैं. उनके इन पत्र को सत्ताधारी पार्टी के नेता भड़क गए हैं. ये हैं प्रियंका के सुझाव:


1- प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस माफी की घोषणा. लोन पर लगने वाली ब्याज दर शून्य करने और इसे जमा कराने की बाध्यता छह महीने के लिए स्थगित की जाए.


2- किसानों के चार महीने के ट्यूबवेल के बिल से लेकर घर के बिजली बिल को माफ किया जाए और उनके बकाया बिजली के बिल पर पेनाल्टी या ब्याज माफ की जाए.


3- किसानों द्वारा लिए गए लोन पर भी चार महीने का ब्याज माफ किया जाए. लो पर कटी आरसी पर भी तत्काल रोक लगे. उनपर पेनाल्टी और ब्याज माफ किया जाए.


4- संपूर्ण फसल खरीदने की किसानों को दी जाए. गन्ना सहित सभी भुगतान तत्काल किए जाएं.


5- कोरोना काल के दौरान सेवाओं के मद्देनजर शिक्षा मित्र, आशा बहनें, आंगनबाड़ी कर्मी, रोजगार सेवक/पंचायत मित्र व अन्य संविदा कर्मियों को प्रोत्साहन राशि दी जाए. इन्हें बोनस के रूप में एक महीने की सैलरी दी जाए.


6- छोटे व मंझोले उद्योगों का बैंक लोन माफ होना चाहिए.


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