लखनऊ: कोरोना महामारी से निपटने की तैयारी में हर रोज नया अध्याय जुड़ रहा है. इस बीमारी का मुकाबला करने के लिए कोरोना वॉरियर्स की एक नई फोर्स भी तैनात हो गई है. यूपी सरकार ने एमबीबीएस के फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को कोविड मामलों की निगरानी की अहम जिम्मेदारी सौंपी है. केंद्र सरकार से निर्देश मिलने के बाद यूपी सरकार ने एमबीबीएस फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स की अस्पतालों में तैनाती शुरू कर दी है. एरा मेडिकल कॉलेज और केजीएमसी में एमबीबीएस फाइनल ईयर के कई स्टूडेंट हॉस्पिटल पहुंचकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. 


क्या मिली है जिम्मेदारी ?
एमबीबीएस फाइनल ईयर के जो स्टूडेंट अस्पतालों में तैनात हुए हैं, वो कोविड मरीजों को हैंडल कर रहे हैं. स्टूडेंट्स की सेवाओं का इस्तेमाल टेली-परामर्श जैसी सेवाएं प्रदान करने और हल्के कोविड मामलों की निगरानी के लिए किया जा रहा है. आपदा के वक्त में एमबीबीएस फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स के लिए ये सेवा किसी बड़े अवसर से कम नहीं. 


सरकार एमबीबीएस फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित कर रही है, जिससे उनका आत्मविश्वास मजबूत हुआ है. जिन स्टूडेंट्स को मुसीबत के इस दौर में सरकार ने सारथी नियुक्त किया है, वो बेहद खुश हैं. स्टूडेंट्स का कहना है कि इतना बड़ा मौका मिलना उनके लिए गर्व की बात है. 


मानदेय में बढ़ोतरी, मनोबल भी हुआ मजबूत
स्टूडेंट्स ने कहा कि आपदा के इस वक्त में सरकार ने उनका मनोबल बढ़ाया है. सरकार ने मानदेय में बढ़ोतरी भी की है, जिससे उन्हें काफी प्रोत्साहन मिला है. जिन स्टूडेंट्स को जिम्मेदारी मिली, वो मरीजों की मदद में जुट गए हैं.


सरकार ने लिया था अहम फैसला
दरअसल डॉक्टर्स की संख्या बढ़ाने की जरूरत महसूस होने पर केंद्र सरकार ने नेशनल मेडिकल कमीशन और इंडियन नर्सिंग काउंसिल के साथ मंथन किया था. विचार विमर्श के बाद केंद्र सरकार ने निर्देश जारी किया कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारें एमबीबीएस के फाइनल ईयर के छात्रों को कोविड मामलों की निगरानी और उनकी सेवाओं देने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि कोरोना वॉरियर्स की ये नई फोर्स कोरोना से जंग जीतने में मदद कर सके.