रायबरेलीः कभी किसी जमाने में भ्रष्टाचार के आरोप सरकार पर लगे तो सरकार बदल गई. कांग्रेस सरकार अपने ऊपर लगे आरोपों को आज तक धो नहीं पाई और यूपीए वन के भ्रष्टाचार यूपीए-2 में एक भारी कसक रखते हुए 2014 में सरकार डुबा गई. वहीं बीते दिनों उत्तर प्रदेश के रायबरेली में राजस्व के सबसे निचले पायदान पर बैठा हुआ लेखपाल, जो गांव से लेकर शहर तक की जमीनों का वारा न्यारा करता है, भ्रष्टाचार में डूबा नजर आ रहा है.


बीते 2 महीनों में रायबरेली में तीसरे लेखपाल का पैसा लेते हुए वीडियो वायरल हुआ. आखिर इन लेखपालों में इतनी हिम्मत कैसे आ जाती है कि लगातार घूस के पैसे लेते हुए वीडियो वायरल होने के बाद निलंबन, उसके बावजूद पैसा ले लेते है. शायद उन्हें लगता है कि रिश्वत लेने के बाद रिश्वत देकर ही दुबारा नियुक्ति मिल जाती है. शायद यहीं इनके हिम्मत की वजह और भ्रष्टाचार को मुकम्मल करने का साधन है.


कुछ ऐसी तस्वीरें आज रायबरेली में देखने को मिली जिसमें वह एक बार फिर किसी जरूरतमंद की जरूरतों को पूरा करने के कीमत पर कुछ रुपए गिनते नजर आए. मामला खीरों थाना क्षेत्र के कमालपुर गांव में तैनात लेखपाल निराला मिश्रा का बताया जा रहा है.


खीरों थाना क्षेत्र के कमालपुर गांव में तैनात लेखपाल निराला मिश्रा का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वह पीड़ित किसान से घूस के पैसे लेते हुए साफ दिख रहा है. बताया जा रहा कि गांव के किसी एक व्यक्ति का चक मार्ग नापने के लिए लेखपाल निराला मिश्रा पैसे की मांग कर रहा था. जब तक पैसा नहीं मिला तब तक भ्रष्ट लेखपाल चक मार्ग नापने नहीं गया और काफी समय तक मामले को लटकाए रखा. एक सफेद कुर्ता पजामा पहने उम्रदराज व्यक्ति यह कहते हुए वीडियो में नजर आ रहा है अब धान की कटाई भी हो गई है साहब नपाई का काम कर दीजिए. जिसके एवज में वहीं व्यक्ति भ्रष्ट लेखपाल निराला मिश्रा को घूस के ₹5 हजार भी दे रहा है.


सूत्रों की मानें तो कमालपुर गांव के ही रहने वाले सूरज सिंह ने उपजिलाधिकारी जीत लाल सैनी से मौखिक शिकायत की जिसमें कहा गया कि चक मार्ग की नाप लेखपाल व कानूनगो की मौजूदगी में की गई लेकिन लेखपाल ने प्रधान के दबाव में 5 बार चक मार्ग नाप कर 6 मीटर का अंतर निकाल दिया और लगातार पीड़ित को परेशान भी करता रहा. शिकायतकर्ता ने उच्च अधिकारियों की निगरानी में टीम बनाकर नाप कराने की मांग भी की. फिलहाल घूसखोर लेखपाल निराला मिश्रा का घूस के पैसे लेते वीडियो वायरल होने के बाद एक बार फिर रायबरेली के जिला प्रशासन पर कालिख पुती है.


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