Varanasi News: केंद्र और प्रदेश सरकार की तरफ से जनहित से जुड़ी अनेक योजनाएं चलाई जा रहीं हैं लेकिन इसकी आड़ में भी रिटायर्ड भ्रष्ट कर्मचारी फर्जीवाड़ा करने से बाज नहीं आ रहे हैं. वाराणसी के कलेक्ट्रेट परिसर में आवास योजना के नाम पर अवैध ऑफिस चल रहा था, जहां लोगों को शहरी आवास योजना का लाभ दिलाने के नाम पर ठगा जा रहा था. फिलहाल इस मामले में अब प्रशासन ने भी संज्ञान लिया है और मामले में संलिप्त व्यक्ति पर विधिक कार्रवाई करने की तैयारी हैं.
वाराणसी के कलेक्ट्रेट परिसर में बीते कई महीनो से अवैध कार्यालय चल रहा था, जहां पर लोगों को काशीराम शहरी आवास विकास योजना के नाम पर फार्म जमा करने से लेकर आवास उपलब्ध कराने तक के फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया जा रहा था. फिलहाल सरकारी दस्तावेज में ऐसे कोई भी कार्यालय का विवरण नहीं है. जानकारी के अनुसार कलेट्रेट का रिटायर्ड बाबू इस पूरे फर्जीवाड़ा का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, जिसका नाम रामवृक्ष कुमार है.
अधिकारियों को नहीं लगी भनक
आवास के बारे में जानकारी लेने पहुंची महिला मोना कुमारी ने बताया कि हमारे पास कोई आवास नहीं है. हमने 2023 में यहां पर फॉर्म जमा किया था. हम कुछ महीने पहले अपने आवास के बारे में जानकारी प्राप्त करने आए थे तो कहा गया कि आपको आवास नहीं मिलता सकता. क्योंकि आपका क्षेत्र नगर निगम के दायरे में हैं. इसके अलावा भी हमारी जानकारी में कई लोगों ने यहां पर फॉर्म जमा किया था. फिलहाल मौके पर स्थित इस फर्जी कार्यालय पर दो ताले लगे हुए थे.
वहीं इस मामले में जब एबीपी न्यूज ने एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा से पूछा तो उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा मामला संज्ञान में आया है. इस मामले पर जांच की जा रही है. आने वाले समय में आवश्यक विधिक कार्रवाई होगी. इसके अलावा मिली जानकारी के तहत इस फर्जीवाड़ा में शामिल व्यक्ति पर बहुत जल्द FIR दर्ज किया जाएगा.
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