गोरखपुर नगर निगम से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना है तो हो जाएं सावधान, यहां कागजों में बिकती है जिंदगी और मौत
गोरखपुर नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने आएं हैं, तो सावधान हो जाइए. नगर निगम परिसर में कार्यालय के बाहर डेरा जमाए दलालों के चंगुल में फंसकर आपकी जेब कहीं ढीली न हो जाए. यहां दलाल कागज में जिंदगी और मौत बेच रहे हैं.
गोरखपुर: यूपी के हर शहर में ऐसा होता होगा, ये हम नहीं कह सकते. लेकिन, गोरखपुर में सरकार की साख पर बट्टा लगाने वाले कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगतार घूस लेने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की नकेल कसे हुए हैं. उन्हें या फिर दलाली करने वालों को सीधे जेल भेजने की चेतावनी के बावजूद गोरखपुर के नगर निगम परिसर में दलाली का गोरखधंध चल रहा है. इस दलाली के गोरखधंधे में दलालों के बैठने के लिए नगर निगम परिसर की जगह (चौकी) बिक रही है. तो वहीं दलाल कागज में जिंदगी और मौत बेच रहे हैं.
फिक्स है रेट गोरखपुर नगर निगम में आप जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने आएं हैं, तो आप सावधान हो जाइए. नगर निगम परिसर में कार्यालय के बाहर डेरा जमाए दलालों के चंगुल में फंसकर आपकी जेब कहीं ढीली न हो जाए. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि यहां पर चौकी यानी दलालों के बैठने की जगह का रेट भी फिक्स है. दलाल खुद स्वीकार कर रहा है कि 5 हजार रुपए की चौकी है. इसका मतलब या तो दलाल महीने के 5 हजार रुपए किसी को उस जगह पर बैठने के दे रहा है. या फिर हर रोज दलाली के गोरखधंधे से 5 हजार रुपए कमाकर ले जा रहा है. 5 हजार की चौकी नगर निगम परिसर में घूमने वाले ये दलाल भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने वाले लोग कई इन्हें निर्धारित सरकारी शुल्क से कई गुना अधिक रुपए दे देते हैं. बातचीत का ऑडियो भी सामने आया है जिसमें दलाल खुद सारी बातों को कबूल कर रहा है. वो खुद बता रहा है कि जन्म या मृत्यु प्रमाणपत्र के साथ अन्य प्रमाणपत्रों का कितना रुपया लगेगा. दलाल दुर्गेश ये विश्वास भी दिलाता है कि वो 5 हजार की चौकी छोड़कर कहीं जाने वाला नहीं है. विश्वास नहीं है, तो उसका मोबाइल नंबर ले लें. दलाल 20 से 30 रुपए निर्धारित शुल्क की जगह 350 से 500 रुपए तक वसूलते हैं.
दलाली का अड्डा नगर निगम कैंपस में बैठा दलाल दुर्गेश अपने खास के लिए स्पेशल इंतजाम कर रहा था. बातचीत के दौरान ही एक युवक को दलाल ने तैयार सार्टिफिकेट दिया. इसके बदले उसने जब पैसे पूछे तो दलाल मुस्करा कर बोला कि आप से भला हम पैसे लेंगे. आपके लिए तो फ्री सेवा है. वहीं, एक महिला काफी देर तक पैसा कम करने का निवेदन दलाल से करती रही, लेकिन उसकी बात अनसुनी कर दी गई. उससे कुल चार सौ रुपए लिए. दलाल की चौकी पर करीब दो दर्जन तैयार सार्टिफिकेट रखे हुए थे. वहीं, ढ़ेर सारे भरे हुए फॉर्म भी रखे हुए थे. ऑडियो में क्या बात हुई ये आप खुद ही पढ़ लीजिए.
ऑडियो बातचीत
आवेदक- भाई साहब मृत्यु का सार्टिफिकेट बनवाना है. दलाल- कागज लेकर आइए बन जाएगा, दौड़ना भी नहीं पड़ेगा.
आवेदक- क्या-क्या कागज लगेगा. दलाल- कब मौत हुई, कहां हुई और आधार कार्ड.
आवेदक-कितना पैसा लगेगा. दलाल- 350 रुपए लगेगा.
आवेदक- अंदर तो 20 रुपए ही लगता है. दलाल- दौड़ते-दौड़ते हालत खराब हो जाएगी.
आवेदक- कुछ कम कर दीजिए. दलाल- इससे कम नहीं होगा.
आवेदक- आज फॉर्म नहीं भरा पाएगा. दलाल- सारी डिटेल लिखकर दे दीजिए. सुबह फॉर्म भरकर जमा कर देंगे. इसके बाद आपके वाट्सएप पर डिटेल भेज देंगे.
आवेदक- कहीं प्रॉब्लम न हो जाए. दलाल- तब आइएगा आपके सामने ही भर देंगे.
आवेदक- बच्चों का बर्थ सार्टिफिकेट भी बनवाना है. उसका कितना लगेगा. दलाल- ले आइएगा बन जाएगा. उसका भी 350 रुपया ही लगेगा.
आवेदक- इतना पैसा क्यों लग रहा है. दलाल- अरे लेखपाल और लोग जांच करते हैं.
आवेदक- जांच तो तब हो जाएगी. दलाल- देखिए खर्चा कुछ नहीं है. लेकिन जगह-जगह पैसा बांटना पड़ता है. नोटरी, लेखपाल और पटवारी सबको देखना होगा.
आवेदक- इसके अलावा कोई खर्च नहीं होगा. दलाल- अरे घर पर कोई जाएगा तो सौ-पचास दे दीजिएगा.
आवेदक- आपका क्या नाम है भाई. पैसा देने के बाद आप गायब तो नहीं हो जाएंगे. दलाल- क्या बात कर रहे हैं, मेरा नाम दुर्गेश है. मेरी पांच हजार की चौकी है. इसको छोड़कर जाएंगे. बेफिक्र रहिए.
बिचौलियों के चंगुल में फंस जाते हैं लोग भोले-भाले नागरिक बिचौलियों के चंगुल में फंसकर निर्धारित शुल्क से कई गुना अधिक रुपए दे देते हैं. नगर निगम परिसर में अपने भांजे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने आई बच्चे की मां और मामा से दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर 1500 रुपए की मांग करते हुए बिचौलिया जन्म प्रमाण देने का दावा करने लगा. जबकि, जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का सरकारी मानक के हिसाब से 21 से 25 दिन के बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र का शुल्क 20 रुपए है. 25 दिन से 1 वर्ष तक के बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र का शुल्क 30 रुपए है. लेकिन, भोले-भाले लोग बिचौलियों के चंगुल में फंस रहे हैं. ट्रांसपोर्ट नगर से आए अभिभावकों से एक दलाल ध्रुव नारायण ने 700 रुपए की मांग की. तो दूसरे ने 1500 की. जबकि बच्चे की उम्र 1 वर्ष की है और नगर निगम कार्यालय पर इसका शुल्क मात्र 30 रुपए ही है. जब बिचौलिए ने कैमरा देखा, तो वो भागने लगा.
जन्म प्रमाण पत्र बनावाने के बदले मांगे गए रुपए जन्म प्रमाण पत्र बनवाने आए गौतम ने कहा कि वे अपनी भांजी के साथ ट्रांसपोर्ट नगर से आए हैं. उनको जन्म प्रमाण पत्र बनवाना हैं. यहां पर एक जगह उनसे 700 और एक जगह 1500 रुपए मांगा गया है. दो लोगों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना है. उन्होंने बताया कि नगर निगम कार्यालय के बाहर और परिसर के भीतर मिले लोगों ने उनसे जन्म प्रमाण पत्र बनावाने के बदले रुपए की मांग की है. उन्होंने प्रमाणपत्र बनवाने से इनकार कर दिया है. उन्होंने ये भी बताया है कि एक माह के लगभग समय लग जाता है. प्रक्रिया और जांच पूरी होने बाद सर्टिफिकेट बनकर मिल पाता है.
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी इस संबंध में गोरखपुर के महापौर सीताराम जायसवाल ने कहा कि नगर निगम परिसर के किसी भी अधिकारी और कर्मचारी द्वारा घूस लेने की शिकायत उनके पास नहीं आई है. ऐसी शिकायत आती है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि कोई भी प्रमाणपत्र बनावाने आने वाले लोगों से वे अपील करते हैं कि वे दलालों के चंगुल में न फंसे. सरकारी शुल्क जमा करके ही प्रमाणपत्र बनवाएं. कोई अलग से रुपए की मांग करता है, तो इसकी शिकायत करें. नगर निगम परिसर में किसी भी प्रकार की दलाली करने वालों को वो चेतावनी देते हैं. इसके साथ ही ऐसे लोगों की धर-पकड़ के लिए निगरानी समिति को जांच सौंपेगे.
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