Corruption in Manrega: मनरेगा की मजदूरी पर भ्रष्टाचार का कोढ़, रिश्तेदारों के नाम पर जॉब कार्ड बनाकर प्रधान ने किया फर्जीवाड़ा
Corruption News यूपी के बस्ती में मनरेगा के मजदूरी के बजट में प्रधान ने सरकारी धन की लूट की है. यहां प्रधान प्रतिनिधि ने फर्जी जॉब कार्ड के सहारे गरीबों का हक छीन लिया और सरकारी योजना को पलीता लगाया.
Corruption in Manrega scheme: सुनने में भले आपको ये महज बॉलीवुड की किसी मूवी का गाना लग रहा हो लेकिन इसकी हकीकत देखनी है तो बस्ती (Basti) के कुदरहा ब्लॉक (Kudraha Block) में चले आइये. जहां कडसरी मिश्र गांव का जालसाज प्रधान प्रतिनिधि (Pradhan Representative) रमेश चौधरी ने मनरेगा मजदूर की गाढ़ी कमाई का विलेन बन जीरो में ऐसा कारनामा किया कि इन मनरेगा मजदूरों का पूरा पैसा खुद ले उड़ा. कहते हैं न शून्य में जबतक कोई संख्या न हो तो उसका कोई अस्तित्व नहीं रहता लेकिन अगर रमेश जैसा फरेबी प्रधान हो तो सब कुछ सम्भव है.
रिश्तेदारों के नाम पर जॉब कार्ड
शून्य के इस खेल को और कडसरी मिश्र के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के काले चिट्ठे को हम सिलसिले वार ढंग से बताते हैं. रमेश चौधरी का एक बैंक में कई खाते हैं जिसमें जिसमे एक खाते पर 19 जॉब कार्ड, पत्नी के खाते में 15 जॉब कार्ड, पिता के खाते में 5 जॉब कार्ड, चाचा के खाते में 15 जॉब कार्ड, भाई उमेश के खाते में 5 से अधिक जॉब कार्ड बतौर मनरेगा मजदूर फीड हैं, जिसमें फ्रॉड कर ये जालसाज कई गरीब मजदूरों का हक हड़प गया. परिवारवाद का ऐसा उदाहरण शायद ही आपको देखने को कहीं और मिले जिसमे केवल प्रधान ही लुटेरा नहीं बल्कि पूरा परिवार ही ठग्स ऑफ हिन्दुतान है.
सरकारी धन का इस तरह हुआ बंदरबांट
मनरेगा योजना की शुरुवात वैसे तो गांव में निवास करने वाले बेरोजगार गरीबों के कल्याण के लिए की गई थी, मगर रमेश चौधरी ने सरकार के इस विकास योजना की योजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया. गरीबों के हक का पैसा रमेश ने खुद और अमीरों के हवाले कर दिया. सरकार ने जो धन गरीब को भेजा उस पर रमेश चौधरी ने खेल कर दिया. अगर गौर करे कि आखिर फर्जी जॉब कार्ड और उस में बैंक की फर्जी डिटेल किस आधार पर फीड की गई तो यह सोच कर आप भी चकरा जायेंगे. कूदरहा ब्लॉक के कर्मचारी और कड़सरी मिश्र गांव के सेक्रेट्री सहित गांव के प्रधान प्रतिनिधि रमेश चौधरी को हर एक जॉब कार्ड को वेरिफाई करना होता है. जिसके बाद ही जॉब कार्ड की फीडिंग हो पाती है. मगर फर्जी जॉब कार्ड और उस पर फर्जी खाता संख्या फीड कर सारे सिस्टम को चुनौती दे दी गई. इस कारनामे को अंजाम देने के लिए सिर्फ प्रधान ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि ब्लॉक के जिम्मेदार अफसर की भी इसमें बराबरी की हिस्सेदारी है, जो कमिशन के चक्कर में अपना ईमान तक बेच देते हैं. कड़सरी मिश्र गांव में जॉब कार्ड के नाम पर सरकारी धन का जमकर बंदरबाट किया गया. प्रधान प्रतिनिधि रमेश चौधरी ने गांव में सिर्फ कागजों में विकास की गंगा बहा दी.
राजनीतिक पहुंच के जरिये करता रहा घोटाला
बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए फरेबी प्रधान प्रतिनिधि रमेश ने ऐसा जाल बुना कि जिले के विकास भवन में बैठे बड़े वाले साहब भी भांप नहीं पाए. रमेश चौधरी वैसे तो ट्रांसपोर्ट का व्यापारी है और राजनीति में उसकी अच्छी पकड़ है, जिसके बलबूते वह हर प्रकार घोटाला कर रहा है. शौचालय, सड़क, पीएम आवास, जॉब कार्ड जैसे तमाम योजनाओं में रमेश चौधरी ने पूरी लगन और निष्ठा के साथ गोलमाल किया है. जो भी नए अधिकारी इस ब्लॉक का चार्ज लेंगे तो यकीन मानिए कडसरी मिश्र गांव के प्रधान प्रतिनिधि रमेश चौधरी का नाम घोटालेबाजों की लिस्ट में सुनहरे अक्षरों में लिखा जायेगा. पूरे ब्लॉक ही नहीं जनपद के सभी ब्लॉकों पर शायद ही कोई ऐसा सरकारी और गरीबों के हक का लुटेरा होगा जिसने पराकाष्ठा पार कर दी हो. रमेश चौधरी ने अपने नाम का प्रयोग कर दूसरे गरीब का हक तो मारा ही बल्कि उसने अपने परिवार के हर सदस्य के नाम को भी खूब भुनाया. रमेश ने अपने परिवार के एक एक सदस्य के नाम कई जॉब कार्ड में बैंक डिटेल फीड करवा दिया जिस का लाभ पिछले कई साल से रमेश चौधरी और अन्य लोग ले रहे हैं.
अफसर भी शामिल
कूदरहा ब्लॉक सरकारी धन के लूट मामले में जिले में नंबर एक पर है. हो भी क्यों न, ब्लॉक के बीडीओ संजय नायक ने अपने मातहतों को लूट करने की खुली छूट जो दे रखी है. ब्लॉक के जिम्मेदार कर्मचारी ने अपनी नौकरी दांव पर लगा कर रमेश के इस लूटकांड में शामिल हो गया.
अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि किस आधार पर ऐसे व्यक्ति को मजदूर बना दिया गया जो उस गांव का निवासी है ही नहीं, या फिर धरती पर ही उस नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं है, फिर कैसे हवा हवाई लोगों के नाम फीड कर प्रधान प्रतिनिधि रमेश ने सरकारी बजट हड़प लिया. फिलहाल विकास वाले बड़े अफसर से जब इस मामले पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जांच टीम बना दी गई है, और रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई होगी.
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