सिद्धार्थनगर: केंद्र एवं प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना के तहत निर्मित कराए गए सामुदायिक शौचालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए. संपूर्ण लागत की भुगतान होने के बावजूद शौचालय आधे अधूरे रह गये. जिला प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है. इस कारण से आम लोगों के लिए बने सामुदायिक शौचालय का लाभ लोगों के पहुंचने के पूर्व ही दम तोड़ चुका है. इन सामुदायिक शौचालय के अधूरे कामों के लिये जिम्मेदार लोगों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके कारण यह पूरी परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है.


भुगतान पूरा, आधे अधूरे बने शौचालय


जिला प्रशासन सौ फीसदी सामुदायिक शौचालय बनाकर वाहवाही लूट रहा है और जब इन शौचालयों की ग्राउंड रियलिटी चेक की गई तो पता चला कि अधूरे शौचालय, जर्जर शौचालयों की दीवार‌ है लेकिन भुगतान पूरा हो चुका है. इतना ही नहीं रास्ते के निर्माण के लिए इंटरलॉकिंग का कार्य शुरू भी नहीं हुआ है लेकिन उसका पूरा पैसा निकाला जा चुका है.


कागजों में काम पूरा हुआ


विकास खंड बर्डपुर में ग्राम पंचायत बजहा में सरकार ने स्वछता मिशन के तहत सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया. अधिकारियों की निगरानी में पूरे पैसे का भुगतान भी हो चुका है, लेकिन धरातल पर सभी कार्यों में कुछ ना कुछ बाकी जरूर है. शौचालय निर्माण पर 3 लाख 23 हजार 649 रुपए निकल भी गए हैं. सबसे आश्चर्यजनक बात तो ये है कि जब शासन और जिले से सामुदायिक शौचालय की स्थिति के बारे में लिखित सूचना मांगी गई तो ब्लॉक के जिम्मेदार ने सभी शौचालय को पूर्ण दिखाया है, जबकि अभी भी कई सामुदायिक शौचालय में कुछ न कुछ कार्य बाकी पड़े हैं.


ग्रामीणों का आरोप है कि जब सरकार ने अच्छी क्वालिटी का समुदायिक शौचालय के निर्माण पैसा भेजा, पैसा भी निकल गया तो अब तक काम क्यों नहीं पूरा हुआ? यहां कई कार्यों, प्रोजेक्ट पर अधिकारियों की मिलीभगत से स्वच्छ भारत मिशन, मनरेगा जैसी योजन को रसातल में ले जा रहे हैं. ब्लॉक के अधिकारी व कर्मचारियों की लोगों ने इस समुदायिक शौचालय की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग जिलाधिकारी से की है.


ये भी पढ़ें.


करोड़ों की चोरी के मामले में नोएडा पुलिस को कामयाबी, फरार अभियुक्त गिरफ्तार,सोन के बिस्किट बरामद