प्रयागराज, मोहम्मद मोइन। दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में बढ़ी हुई फीस को लेकर भले ही कोहराम मचा हो, लेकिन पूरब का आक्सफोर्ड कही जाने वाली इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स महज बारह रूपये यानी एक कप चाय की कीमत में ही महीने भर ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हैं। इतना ही नहीं यहां ग्रेजुएशन की फीस अब भी सिर्फ पंद्रह रूपये मासिक है। इस यूनिवर्सिटी में महज दो हजार रूपये देकर स्टूडेंट्स साल भर हॉस्टल में रहते हैं, जबकि रोजाना सत्तर रूपये देकर दो वक्त का खाना और सुबह का नाश्ता करते हैं। साफ तौर पर कहा जा सकता है कि इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र जितनी फीस में साल भर पढ़ाई कर लेते हैं, प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी क्लास के बच्चे एक महीने भी पढ़ाई नहीं कर सकते हैं। यहां पिछले कई दशकों से फीस नहीं बढ़ाई गई है। कहना गलत नहीं होगा कि इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स एक कप चाय की कीमत में महीने भर की पढ़ाई कर लेते हैं।
इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी के फीस स्ट्रक्चर की बात करें तो यहां ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स से सालाना 144 रूपये और पीजी के छात्रों से सालाना 180 रूपये ही ट्यूशन फीस ली जाती है। ट्यूशन फीस के अलावा ग्रेजुएशन के पार्ट वन -टू व थ्री के स्टूडेंट्स से हर साल स्टूडेंट यूनियन के मद में दस रूपये, डेलीगेसी मद में बीस रूपये, आई कार्ड के लिए बीस रूपये, कल्चरल एक्टिविटी के लिए बीस रूपये, एथलेटिक के लिए पचास, पुअर ब्वायज़ फंड में दस, लाइब्रेरी के लिए पचास, डेवलपमेंट मद में सौ और परीक्षा शुल्क के चार सौ रूपये लिए जाते हैं। ग्रेजुएशन सेकेंड व थर्ड इयर के स्टूडेंट्स को इस तरह सालाना 804 रूपये देने पड़ते हैं। फर्स्ट इयर के स्टूडेंट्स को सौ रूपये इनरोलमेंट के अलग से देने पड़ते हैं। प्रैक्टिकल वाले सब्जेक्ट्स के लिए सालाना डेढ़ सौ रूपये अलग से देने पड़ते हैं।
इसी तरह मास्टर डिग्री के दोनों सालों में स्टूडेंट्स से सालाना 180 रूपये ट्यूशन फीस ली जाती है। पीजी में स्टूडेंट यूनियन के लिए दस, डेलीगेसी- कल्चरल एक्टिविटी और आई कार्ड के मद में बीस -बीस रूपये, एथलेटिक के लिए पचास, पुअर ब्वायज फंड में दस, लाइब्रेरी के लिए सौ, डेवलपमेंट के लिए सौ और परीक्षा शुल्क के तौर पर एक हज़ार रूपये लिए जाते हैं। इस तरह पीजी के स्टूडेंट्स से साल भर में 1490 रूपये लिए जाते हैं। पीजी में लैब फीस के लिए प्रति विषय सालाना तीन सौ रूपये अलग से देने पड़ते हैं। यहां क़ानून की पढ़ाई करने वाले लॉ स्टूडेंट्स को सालाना 1204 रूपये देने होते हैं। एलएलएम के छात्रों को 1490 रूपये देने होते हैं। इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी में बीटेक के स्टूडेंट्स को सालाना 1490 रुपये, एम टेक के स्टूडेंट्स से भी 1490, एमबीए के छात्रों से 1490, बीएफए के छात्रों से 3620, बीसीए स्टूडेंट्स से 1204 और एमसीए स्टूडेंट्स से 1490 रूपये सालाना फीस ली जाती है।
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल्स में सिंगल बेड के छात्रों से प्रति कमरे के लिए महीने के तीन सौ रूपये लिए जाते हैं, डबल बेड वाले कमरों में रहने वाले स्टूडेंट्स से महज दो सौ रूपये महीने ही लिए जाते हैं। हॉस्टल्स में पहले यूनिवर्सिटी की तरफ से मेस की व्यवस्था नहीं थी। स्टूडेंट्स कम्युनिटी बेसिस पर कैंटीन चलाते थे, लेकिन अब यहां छात्रों से इक्कीस सौ रूपये महीने की फीस लेकर उन्हें रोज़ाना दो वक्त का भोजन और सुबह का नाश्ता दिया जाता है। कहा जा सकता है कि मामूली सी फीस पर इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं।