हापुड़, एबीपी गंगा। हापुड़ की तीर्थनगरी गढ़मुक्तेशर ब्रजघाट पर 'मेरी गंगा मेरी डॉल्फिन' अभियान के तहत मानव मित्र डॉल्फिन की गिनती करने ब्रिटेन की डॉक्टर गिल ब्रोलिक अपनी टीम के साथ पहुंची और ब्रजघाट गढ़ गंगा में डॉल्फिन की गिनती का अभियान चलाया। गढ़ गंगा में डॉल्फिन की गिनती के दौरान गढ़ वन विभाग के अधिकारी भी टीम के साथ मौजुद रहे । वही गढ़ ब्रजघाट पर टीम का जोरदार स्वागत भी किया गया ।


जानकारी के अनुसार पूरे विश्व में मैट 3500 डॉल्फिन शेष बची हैं। जिसमे से 80 प्रतिशत भारत वर्ष में पाई जाती हैं। वर्ष में एक बार डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और वन विभाग के द्वारा डॉल्फिन की गिनती की जाती है और इस बार डॉल्फिन की गिनती बिजनौर के बैराज वॉइ घाट के पीछे से आरम्भ की गई। जो नरोरा तक होगी। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम 15 अक्टूबर तक डॉल्फिन की गिनती करेगी। वही हापुड में डॉल्फिन की गिनती करती हुई टीम अपनी मंजिल के लिए आगे रवाना हो गयी । डॉल्फिन की गिनती करने आई टीम के लिए वन विभाग द्वारा सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थीं।