एक्सप्लोरर
Advertisement
कैदी होंगे रेडियो जॉकी और गीतों की फरमाइश करनेवाले, ऐसी ही देश की अनोखी 'जेल रेडियो'
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में देश की पहली रेडियो जेल बनाई गई है। इसके तहत बंदी अब फिल्मी गीत सुन सकेंगे। यही नहीं यहां बंद कैदी रेडियो जॉकी की भूमिका में होंगे।
मैनपुरी, एबीपी गंगा। मैनपुरी जेल देश की ऐसी पहली जेल बन गई है जिसका अपना रेडियो स्टेशन होगा। साथ ही जेल के बंदियों को संगीत का आनंद मिल सकेगा। इसके तहत रेडियो जॉकी भी बंदी होंगे और गीतों की फरमाइश करनेवाले भी बंदी होंगे। मैनपुरी के जिलाधिकारी ने इसका शुभारंभ किया।
उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि मैनपुरी देश की पहली जेल है जहां कैदियों को जेल में संगीत सुनने को मिलेगा। 'जोगीरा सारा रारा रा की तर्ज पर गाने, खबरें, कॉमेडी सबकुछ। इस पूरी योजना को परवान चढ़ाने में जिलाधिकारी प्रमोद कुमार का अहम योगदान रहा। जिलाधिकारी की मंशा थी की जेल में कैदियों के आनंद के लिए भी कुछ मनोरंजन होना चाहिए। मैनपुरी में जेल सुधार कार्यक्रम के तहत जेल के अन्दर देश का पहला रेडियो केन्द्र स्थापित किया गया है। अब कैदियों को भी अपनी मन पसंद के गाने सुनने का मौका मिलेगा। जेल में वे फिल्मी और अन्य गीत सुन सकेंगे। जेल मैनुअल के उल्लंघन बिना यह रेडियो केन्द्र अनूठा है। जेल प्रशासन का कहना है कि जेल के कैदियों में भी सकारात्मक वातावरण बने और कैदियों के अंदर सकारात्मक सोच पैदा हो इसलिये उन्हें ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से नाकारात्मकता से दूर रखा जाये क्योंकि वे जब बाहर आयेंगे तो वे समाज के साथ अच्छी सोच के साथ अपने और देश के निर्माण में लगेंगे।जानकारी के मुताबिक हर सुबह प्रत्येक बैरक में पहुंचकर वहां के बंदियों से उनके पसंदीदा गीतों की फरमाइशों की लिस्ट ली जाएगी। दोपहर बाद उनका एक-एक कर प्रसारण कराया जाएगा। जेल अधीक्षक का कहना है कि शुरुआत में जेल रेडियो की अवधि एक घंटे की होगी। दोपहर दो से तीन बजे तक प्रसारण कराया जाएगा। इसमें एक सेग्मेंट जेल समाचारों का भी होगा। यदि बंदियों की रुचि बढ़ती है तो इसकी अवधि को प्रशासनिक अनुमति से बढ़ाया जाएगा।
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, राज्य और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
झारखंड
भोजपुरी सिनेमा
शिक्षा
Advertisement
विनोद बंसलवीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता
Opinion