बच्चे को अगवा करने के बाद अमावस्या की रात का किया इंतजार, और फिर...पढें खबर
पुलिस पूछताछ में आरोपी विश्राम ने बताया कि उसकी पत्नी रानी पर प्रेत संकट था, जिसने बच्चे की बलि मांगी थी।
उन्नाव: उत्तर प्रदेश के उन्नाव से दिलदहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां के परमनी गांव में रहने वाले एक शख्स ने अपनी पत्नी की समस्या को दूर करने के लिए अंधविश्वास का सहारा लिया। अंधविश्वास के चक्कर में पति ने पड़ोस में वाले आठ साल के बच्चे को पहले तो अगवा किया और फिर अमावस्या की रात बलि के नाम पर उसकी हत्या कर दी।
जमीन में दफनाया शव
आरोपी ने बच्चे की हत्या करने बाद उसके शव को गांव के बाहर तालाब के पास गाढ़ दिया। मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब तलाब के पास कुछ जानवरों के नोचने से मिट्टी में दबा शव बाहर आ गया। बच्चे के शव को देखते ही गांव में हड़कंप मच गया और मौके पर ग्रामीमों की भारी भीड़ जमा हो गई।
घर के बाहर से गायब हुआ बच्चा
माखी थानाक्षेत्र के परमनी गांव निवासी कन्हैया लाल का 8 वर्षीय पुत्र आदर्श गांव में ही कक्षा दो का छात्र था। 3 अप्रैल की शाम को घर से बाहर खेलते वक्त आदर्श अचानक लापता हो गया था। परिजनों ने हर संभावित जगह पर तलाश की, लेकिन उसका कोई पता नहीं लग सका। परेशान परिजनों ने पुलिस को जानकारी दी।
आरोपी ने कबूल किया गुनाह
5 अप्रैल को घर से 200 मीटर की दूरी पर सूबेदार के खेत के पास तालाब में कुछ लोगों की नजर बच्चे के शव पर पड़ी। लोगों ने पीड़ित परिजनों को इसकी जानकारी दी। परिजनों के साथ ग्रामीणों ने मृतक के पड़ोसी विश्राम पर शक जताया। पुलिस ने कड़ाई से उससे पूछताछ की तो आरोपी ने सच उगल दिया।
अमावस्या की रात का किया इंतजार
पुलिस पूछताछ में आरोपी विश्राम ने बताया कि उसकी पत्नी रानी पर प्रेत संकट था, जिसने बच्चे की बलि मांगी थी। पत्नी और पारिवारिक मित्र छेदी के साथ उसने बच्चे को बुधवार शाम को अगवा किया और अमावस्या की रात का इंतजार करने लगा। 4 अप्रैल को अमावस्या थी और आरोपी ने इसी रात बलि के नाम पर बेरहमी से बच्चे का कत्ल कर दिया।
बेरहमी से किया बच्चे का कत्ल
आरोपी ने यह भी बताया कि उसने बच्चे के गले में पतली कील चुभाई थी और एक सरिया भी घोपा था। एक कान काटने के साथ-साथ कुछ बाल और शरीर के हिस्सों को जलाया भी था। इसी दौरान बच्चे की मौत हो गई तो उसने घर से 200 मीटर की दूरी पर उसके शव को दफन कर दिया था।