लखनऊः बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी की मुश्किल एक बार फिर बढ़ गई है. इकबाल अंसारी की यह मुश्किल बुधवार को उस समय खड़ी हुई जब अंतरराष्ट्रीय शूटर और राष्ट्रपति पदक विजेता वर्तिका सिंह ने पुलिस की विवेचना पर सवालिया निशान खड़े किए थे. जिसके बाद फैजाबाद कोर्ट ने पुनः विवेचना के आदेश दे दिए हैं.


ये था मामला


दरअसल 2019 मे अंतरराष्ट्रीय शूटर वर्तिका सिंह इकबाल अंसारी के घर गई थी. उस समय मंदिर मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट से फैसला नहीं आया था. इस दौरान वर्तिका सिंह और इकबाल अंसारी के बीच मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर तीखी नोकझोंक हुई थी. बात इतनी बढ़ गई थी कि बाद में पुलिस ने इकबाल अंसारी और वर्तिका सिंह दोनों की तरफ से राम जन्मभूमि थाने में मुकदमा दर्ज किया था. इसमें इकबाल अंसारी ने घर में आकर बदसलूकी करने और मारपीट की साजिश का आरोप लगाया था. वही दूसरी तरफ वर्तिका सिंह ने इकबाल अंसारी पर बदसलूकी मारपीट करने और देश विरोधी बयान देने के आरोप लगाए थे.


अयोध्या पुलिस की फाइनल रिपोर्ट निरस्त


इसी मामले में पुलिस ने इकबाल अंसारी की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में वर्तिका सिंह के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल की है. जबकि वर्तिका सिंह की तरफ से दर्ज कराए गए मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई है. वर्तिका सिंह ने इसी फाइनल रिपोर्ट का फैजाबाद कोर्ट में विरोध किया और कहा कि इकबाल अंसारी के जिन परिजनों को उन्होंने आरोपी बनाया उन्हीं की गवाही से इकबाल अंसारी को क्लीन चिट दे दी गई. इसी के बाद फैजाबाद कोर्ट में अयोध्या पुलिस द्वारा दाखिल फाइनल रिपोर्ट को निरस्त करते हुए पुनः विवेचना के आदेश दे दिए है.बहरहाल इस आदेश के बाद साफ जाहिर है की एक बार फिर इकबाल अंसारी मुश्किलों में आ गए हैं.


बेबुनियादी आरोप लगाए- वर्तिका सिंह


वहीं कोर्ट द्वारा मामले की पुन: जांच के आदेश दिए जाने पर वर्तिका सिंह का कहना है कि इकबाल अंसारी ने उन पर हमला करने के बेबुनियादी आरोप लगाए थे. इसी वजह से माननीय न्यायालय ने भी इस मामले में फिर से जांच करने के आदेश दे दिए हैं. वर्तिका सिंह का कहना है कि, 'वह एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं और उनका खुद का सम्मान है, उन्हे राष्ट्रपति पदक भी मिला है. जो लड़की भारत को रिप्रेजेंट करती है वह किसी के ऊपर हमला कैसे कर सकती है'. हमला करने का कोई मतलब नहीं था. लेकिन इकबाल अंसारी ने उनकी प्रोफाइल को अपनी पब्लिसिटी और सुरक्षा बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया है.


वर्तिका सिंह के भी बयान नहीं किए गए थे दर्ज


बता दें कि वर्तिका सिंह के अधिवक्ता रोहित त्रिपाठी ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट को निरस्त करने की अर्जी दी थी. जिसमे खासतौर पर कहा था कि पुलिस ने वर्तिका सिंह को मामले में बयान दर्ज करने के लिए बुलाया, लेकिन बयान दर्ज नही किए और बाद में आने के लिए कहा. वर्तिका के भाई-बहनों के भी बयान दर्ज नही किए गए. वकील की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने विवेचक की ओर से भेजी गई क्लोजर रिपोर्ट को निरस्त कर दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने दोबारा जांच के आदेश दे दिए.


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