Lockdown के बीच आखिर क्यों चर्चा में हैं IPC की धारा 269 और 270, जानिए-उल्लंघन पर सजा का प्रावधान
Coronavirus के खतरे की वजह से लागू Lockdown के बीच आखिर क्यों चर्चा में हैं IPC की धारा 269 और 270। जानिए इनका उल्लंघन करने पर क्या सजा मिल सकती है। Singer Kanika kapoor पर भी इन्हीं धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।
एबीपी गंगा। कोरोना वायरस (Coronavirus) के फैसले प्रकोप और इसके खतरे को देखते हुए देश में लागू लॉकडाउन के बीच भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की दो धाराएं चर्चा में हैं। ये आईपीसी की धारा 269 और धारा 270 हैं। जानिए आखिर लॉकडाउन के दौरान प्रभावी ये धाराएं क्या हैं।
दरअसल, कोरोना संकट के बीच कांगड़ा निवासी 63 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला के खिलाफ धारा 270 (Section 270) के तहत मामला दर्ज किया गया। ये बुजुर्ग महिला दुबई से यात्रा कर भारत लौटी थी और उन्होंने इस दौरान अपनी यात्रा का सही ब्योरा नहीं दिया था। बाद में वो कोरोना पॉजिटव निकली थीं। वहीं, कांगड़ा का ही रहने वाले एक 32 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ धारा 270 के तहत मामला दर्ज हुआ है। ये शख्स सिंगापुर से भारत लौटा था। वहीं, बॉलीवुड की मशहूर सिंगर कनिका कपूर (Singer Kanika Kapoor) के खिलाफ भी आईपीसी की इसी धारा के तहत केस दर्ज हुआ है। साथ ही, उनपर धारा 269 (Section 269) और (Section 188) के तहत भी मामला दर्ज हुआ है। बता दें कि कोरोना पॉजिटिव सिंगर कनिका कपूर लंदन से भारत लौटी थीं और लखनऊ में कई पार्टियों में भी हिस्सा लिया था।
अब ये जानना भी जरूरी है कि कोविड-19 के प्रकोप के बीच आखिर धारा 269 और 270 का क्या रोल है। आखिर इन धाराओं के तहत मामले क्यों दर्ज किए जा रहे हैं।
क्या हैं आईपीसी की धारा 269 और 270?
- आईपीसी की धारा 269 और 270 दोनों ही भारतीय दंड संहिता के 14वें अध्याय के अंतर्गत आती हैं।
- इन धाराओं में स्वास्थ्य, सुविधा, सुरक्षा, शालीनता और नैतिकता को प्रभावित करने वाले अपराधों का उल्लेख किया गया है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 269 का अर्थ
किसी बीमारी को फैलाने के लिए किया गया गैरजिम्मेदाराना काम। इससे किसी अन्य व्यक्ति की जान को खतरा हो सकता है। इस धारा के तहत अपराधी को छह महीने की जेल या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 270 का अर्थ
किसी जानलेवा बीमारी को फैलाने के लिए किया गया घातक या फिर नुकसानदायक काम। इस काम से किसी अन्य व्यक्ति की जान को खतरा हो सकता है। इस धारा के तहत नुकसानदेह शब्द ये दर्शाता है कि आरोपी ने जानबूझकर ये कदम उठाया है। दोनों ही धाराओं में सजा की अवधि लगभग समान है।
धारा 188 के बारे में भी जानें
इस दौरान धारा 188 भी चर्चा में है, देश में लॉकडाउन के दौरान इस धारा का भी इस्तेमाल किया गया है। इस धारा के तरत अगर किसी ने जिले के लोकसेवक जैसे आईएएस अफसर द्वारा लागू किसी विधान का उल्लंघन किया हो। सरकारी आदेश में बाधा डाली हो, या फिर उसका अवमानना की हो। ऐसी स्थिति में प्रशासन द्वारा आरोपी पर धारा 188 के तहत कार्रवाई हो सकती है। इस धारा के तहत आरोपी को एक महीने की जेल या फिर जुर्माना या फिर दोनों की सजा मिल सकती है।
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