Covid-19 Mock Drill: कोरोना को लेकर गोरखपुर के 5 अस्पतालों में मॉक ड्रिल, 108 बिंदुओं पर परखी गईं तैयारियां
Coronavirus Preparations: कोरोना के नए वैरिएंट पर तैयारियों को लेकर गोरखपुर के 5 सरकारी अस्पतालों में मॉक ड्रिल की गई. इस दौरान 108 बिंदुओं पर तैयारियों को परखा गया और चेक लिस्ट जारी की गई.
Gorakhpur Coronavirus Preparations in UP: चीन, जापान, अमेरिका समेत कई देशों में कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए शासन ने एक बार फिर कोरोना से जंग की तैयारियां तेज कर दी है. जिसके तहत गोरखपुर के 5 सरकारी अस्पतालों में मॉक ड्रिल की गई और कोरोना को लेकर 108 बिंदुओं पर तैयारियों को परखा गया. शासन की ओर से सोमवार को ही चेक लिस्ट जारी कर दी गई थी. हर अस्पताल पर निगरानी के लिए एक एक नोडल ऑफिसर को तैनात किया गया. उन्हीं की देख-रेख में पूरी रिहर्सल की गई. मॉकड्रिल के बाद रिपोर्ट के आधार पर संबंधित अस्पतालों में उपकरण और अन्य व्यवस्थाओं की कमियों को दुरुस्त किया जाएगा.
गोरखपुर के 100 बेड टीवी अस्पताल में सीएमओ की देख-रेख में मॉक ड्रिल की गई. इस अस्पताल के लिए एसीएमओ ने डॉ. एके सिंह, राजकीय होम्योपैथिक बड़हलगंज में जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. गणेश यादव, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कैंपियरगंज में डॉ. एके चौधरी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हर महीने डॉ. नंदकुमार और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौरीचौरा में डॉ. अश्विनी कुमार चौरसिया को नोडल नियुक्त किया गया. इनकी देख-रेख में मॉक ड्रिल को पूरा किया गया. इसके अलावा बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बने कोविड-19 अस्पताल की मॉनिटरिंग खुद प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने की.
5 सरकारी अस्पतालों में की गई मॉक ड्रिल
मॉकड्रिल में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, वार्ड बॉय, सफाई कर्मी, एंबुलेंस चालक, फार्मासिस्ट, एलटी मौजूद रहे. वार्डों में ऑक्सीजन प्लांट, कंसंट्रेटर लैब की मशीनों की पड़ताल भी की गई. जिससे संक्रमितों की संख्या बढ़ने पर किसी तरह की कोई दिक्कत न होने पाए. मॉकड्रिल के दौरान अस्पताल में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की क्रियाशीलता, पावर बैकअप, हैंड वॉश की फैसिलिटी, एनेस्थीसिया, विशेषज्ञ, चिकित्सक, नर्स और कर्मचारियों की संख्या को भी ध्यान में रखा गया.
स्वास्थ्य विभाग की कमियों को परखा गया
गोरखपुर के सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि शासन के निर्देश पर गोरखपुर के 5 सरकारी अस्पतालों में मॉक ड्रिल की गई. 108 बिंदुओं पर तैयारियों का ध्यान रखा गया. ऑक्सीजन प्लांट के साथ ही कोविड-19 के हर बेड पर पहुंचने वाली ऑक्सीजन प्रेशर की जांच भी की गई है. इसके साथ ही मरीज को किस तरह से अस्पताल और वार्ड तक पहुंचाना है, इसकी व्यवस्था को भी परखा गया है. किसी भी तरह की तैयारियों में कमियों को दुरस्त करना इसका उद्देश्य है.
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