एबीपी गंगा। दुनियाभर में तबाही मचा रहा जानलेवा कोरोना वायरस भारत में भी धीरे-धीरे अपने पैर पसार रहा है। जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है और अब ये आंकड़ा 35 हजार के पार जा चुका है। यही नहीं भारत के कई शहर ऐसे हैं जहां पर ये घातक रूप अख्तियार करता जा रहा है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 9064 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं, जबकि 1152 कोरोना पीड़ितों की मौत हो चुकी है। इस महामारी को फैलने के रोकने के इरादे से ही भारत में लॉकडाउन किया गया।



वहीं, एहतियातन कई राज्यों को कोरोना हॉटपॉट को सील कर दिया गया है, ये वो इलाके हैं जहां कोरोना से सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। वहीं, राज्य सरकारें लगातार कोरोना के हॉटस्पॉट्स पर नजर बनाए हुए हैं और उन्हें सी करने का काम कर रही हैं। जिन इलाकों को सील किया जा रहा है, वहां किसी भी तरह का आवाजाही पर रोक हैं। यानी उन इलाकों से न कोई बाहर जा सकता हैं और न ही कोई अंदर। हालांकि, राज्‍य सरकारों सील किए गए जिलों में लोगों को जरूरी चीजों की आपूर्ति का पूरा ध्यान रखे हुए है। इसके तहत लोगों को जरूरत की चीजों जैसे दूध, सब्‍जी, फल आदि की होम डिलीवरी कराई जा रही है। ये सभी जरूरी सामग्री लोगों के घरों तक पहुंचाने का काम जिला प्रशासन ने सुनिश्चित किया है।


इसी क्रम में राज्य सरकारों ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की गंभीरत को देखते हुए इन्‍हें तीन अलग-अलग जोन में बांटने का काम किया है। जिलों को जिन तीन जोन में बांटा गया है वो- ग्रीन, रेड और ओरेंज हैं। ऐसा करने के पीछे का लक्ष्य सभी की निगरानी करना और प्राथमिकता के आधार पर जरूरी कदम उठाना है। ताकि कोरोना के संक्रमण की साइकिल को तोड़ा जा सकें।



अब जान लेते हैं ग्रीन, रेड और ओरेंज जोन का मतलब क्या है?


ग्रीन जोन (Green Zone)


ग्रीन जोन का मतलब संक्रमण मुक्त से है। इस जोन वाले इलाके में आने वाले लोगों को प्रशासन लॉकडाउन के दौरान जरूरी चीजों को खरीदने के लिए घर से बाहर निकलने की इजाजत दे सकता है। हालांकि, इस दौरान सोशल डिस्‍टेंसिंग की पूरी तरह से पालन करना होगा, किसी को भी भीड़ इकट्ठा करने की इजाजत नहीं है। इन नियमों का पालन न करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए प्रशासन स्वतंत्र है। इन जोन में आने वाले जिलों के डीएम अपने विवेक का इस्तेमाल करके प्रतिबंधों के बावजूद कुछ फैसले ले सकते हैं। हालांकि, ग्रीन जोन के अंदर जिन लोगों को होम क्‍वारंटाइन रखा गया है, उनको किसी से भी मेल जोल करने की इजाजत नहीं होगी।



ओरेंज जोन (Orange Zone)


ओरेंज जोन का मतलब है, वो इलाके जहां संक्रमण के कुछ मामले सामने निकलकर आ रहे हैं। इन इलाकों में प्रशासन द्वारा लॉकडाउन, सील या फिर अन्य एहतियाती कदम उठाए जा सकते हैं। इस जोन में आने वाले कोरोना संक्रमित इलाकों के अलावा अन्य इलाकों में पाबंदियों पर थोड़ी ढील दी जा सकती है। कोरोना संक्रमित इलाकों को छोड़कर अन्य लोगों को जरूरी सामान खरीदने जाने के लिए घर से निकलने की छूट शामिल है। इसके लिए प्रशासन समय सीमा भी निर्धारित कर सकता है।



रेड जोन (Red Zone)


रेड जोन का मतलब है कोविड-19 से खतरे वाले इलाके। इस जोन में वो इलाके आते हैं, जहां कई लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं और ये संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे इलाके जिनकी वजह से संक्रमण की संख्या बढ़ने की आशंका हो, वो सभी इलाके रेड जोन में आते हैं। रेड जोन में शामिल सभी इलाकों के लोगों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जाती है। इन जोन में आने वाले लोगों को घरों से निकलने की कोई छूट नहीं है। किसी आपात स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जिसपर कॉल करके मदद मांगी जा सकती है। इस जोन में जरूरी चीजों की सप्लाई की जिम्मेदारी प्रशासन के हाथों में रहती है। इस जोन में आने वाले सभी इलाकों में सख्त पहरा लगाया जाता है और नियमों का पालन न करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाती है।




  • यूपी के 50 से अधिक क्षेत्रों को रेड जोन घोषित किया गया है। इन इलाकों में आवाजाही पर पूरी तरह रोक है। कई क्षेत्रों को सील भी किया गया है।

  • हरियाणा का गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और नूंह जिले रेड जोन की श्रेणी में आते हैं।

  • महाराष्ट्र में मुंबई, पुणे को रेड जोन घोषित किया गया है।

  • राजधानी दिल्ली में 43 रेड जोन बनाए गए हैं।


बता दें कि रेड जोन को हॉटस्पॉट भी कहा जाता है। सरकार लगातार रेड जोन वाले इलाकों की पहचान में जुटी हैं, ताकि समय पर इन इलाकों को सील किया जा सके, जिससे संक्रमण की साइकिल को तोड़ा जा सके।


स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया है कि देश के 130 जिलों को रेड जोन, 284 जिलों को ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन के तहत 319 जिलों को रखा गया है। इन जोन का हर हफ्ते आकलन किया जाएगा और संक्रमित मामलों के अनुसार ही जोन में भी बदलाव होगा। गृहमंत्रालय की ओर से तीनों जोनों के लिए अलग-अलग गाइडलाइंस तैयार की गई है। रेड जोन में कई तरह के प्रतिबंध जारी किए गए हैं, जबकि ग्रीन और ऑरेन्ज जोन में कुछ छूट होगी।


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