गाजियाबाद: यूपी के गाजियाबाद जिले में कोरोना से संक्रमित मरीजों की मौत के बाद अजीब मंजर देखने को मिल रहा है. यहां हिंडन मोक्ष स्थली पर विद्युत शवदाह पर उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है, जिनकी मौत कोरोना के कारण हुई है. इस दौरान परिवार के तो कोई भी लोग आसपास आते नहीं है, लेकिन अगर मरीज ने कुछ महंगा पहना हुआ हो जैसे अंगूठी या कड़ा, तो उसकी डिमांड जरूर आती है.


इसलिए विद्युत शवदाह का हो रहा इस्तेमाल


दरअसल, गाजियाबाद का हिंडन मोक्ष स्थली में विद्युत शवदाह केंद्र शुरू हो चुका है. जहां कोरोना से हुई मृत्यु वाले लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. यहां इनका अंतिम संस्कार इस कारण किया जा रहा है, क्योंकि यहां शव को बार-बार छूने की जरूरत नहीं पड़ती. वहीं दूसरी तरफ जो प्लेटफार्म है, जहां लकड़ियों से शव का दाह संस्कार किया जाता है, वहां आम शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है. संक्रमण न फैले, इसीलिए विद्युत शवदाह गृह में कोरोना से संक्रमित हुए मरीजों की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है.


दो पैकिंग में भेजा जाता है कोरोना से मृत मरीजों का शव


नगर निगम की तरफ से यहां तैनात किए गए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मनोज प्रभात बताते हैं कि जिन लोगों की कोरोना से मौत हो जाती है, उनके परिजन या तो अंतिम संस्कार में आते नहीं है. अगर आते हैं, तो बहुत दूर रहते हैं, लेकिन अगर किसी मृत मरीज ने कोई महंगा जेवर पहना हुआ होता है, तो वो उसकी डिमांड जरूर करते हैं. दरअसल, यहां शव को अस्पताल से दो पैकिंग में भेजा जाता है, जो सैनिटाइज होती हैं. ऐसे में पैकिंग खोलकर और उसमें से जेवरात निकालना खतरे का काम है, लेकिन फिर भी अंतिम क्रिया क्रम में जुड़े लोग ऐसा कर रहे हैं.


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