Covishield Vaccine: 'करोड़ों देशवासियों की जिंदगी से खिलवाड़, सुप्रीम कोर्ट ले सज्ञान'- चंद्रशेखर आजाद
Chandrashekhar Azad News: कोविडशील्ड वैक्सीन को लेकर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने सरकार को घेरा और कहा, करोड़ों देशवासियों की जिंदगियों से खिलवाड़ करने वाले मामले को SC संज्ञान में ले.
Covishield Vaccine: कोविड शील्ड वैक्सीन को लेकर देश में बहस छिड़ गई है. विपक्षी दल इसे लेकर लगातार सरकार पर हमला कर रहे हैं. वहीं अब भीम आर्मी चीफ और आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने भी इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि करोड़ों देशवासियों की जिंदगियों से खिलवाड़ करने वाले इस मामले को सुप्रीम कोर्ट संज्ञान में लेना चाहिए.
चंद्रशेखर आजाद ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, कोरोना से बचाव के नाम पर 5 किलों राशन के लिए, नौकरीशुदा लोगों को वेतन के लिए, यहां तक कि कहीं आने जाने तक के लिए "कोविशील्ड वैक्सीन" की सर्वप्रथम अनिवार्यता, और इसके हार्ट अटैक और ब्रेन स्टोक जैसे साइड इफेक्ट्स को छुपाना देशवासियों की जिंदगी से खिलवाड़ हैं.
चंद्रशेखर आजाद ने सुप्रीम कोर्ट से की मांग
उन्होंने सवाल किया, प्रधानमंत्री मोदी जी ये सब अनिवार्यता किसलिए थी? हद तो ये है कि इसके लिए भी "धन्यवाद मोदी जी" के नाम से पूरे देश में प्रचार किया गया. मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट से अपील करता हूं कि "करोड़ों देशवासियों की जिंदगी से खिलवाड़" वाले इस मामले को संज्ञान में ले.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी वैक्सीन को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि, "बीजेपी वालों ने इस वैक्सीन को सब लोगों को लगवा दिया है. बीजेपी ने जिस तरह लोगों से प्रचार करके कहा कि लगाइए वैक्सीन, आज तो वो भी जुमला निकला. बीजेपी वालों को वोट ना देकर जनता जिस तरह से झूठ बोला गया था उसका हिसाब किताब लेगी."
बता दें फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की कोर्ट में स्वीकार किया है कि बहुत ही दुर्लभ मामलों में कोविड शील्ड वैक्सीन खून के थक्के से संबंधित दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है. 'द डेली टेलीग्राफ' की रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी ने कोर्ट में एक कानूनी दस्तावेज में स्वीकार किया कि Covid -19 से बचाने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित टीका थ्रोम्बोसिस का कारण बन सकता है.