गाजे-बाजे के साथ निकाली गई गाय की अनोखी शव यात्रा, अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़
Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में गाय के अंतिम संस्कार के लिए ट्रैक्टर ट्राली को फूल-माला और गुब्बारों से सजाया गया था. अंतिम यात्रा और संस्कार में गांव के बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए.
Greater Noida Cow Funeral: ग्रेटर नोएडा के गांव रौनीजा में एक गाय के निधन पर ट्रैक्टर ट्राली पर डीजे बजाकर भव्य अंतिम यात्रा निकाली गई और अंतिम संस्कार किया गया. इस अंतिम यात्रा और संस्कार में गांव के बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. गायत्री मंत्र के साथ चंदन की लकड़ी और आम की लकड़ी और देसी घी और सामग्री के साथ गौ माता का दाह संस्कार किया गया. गांव रौनीजा के पप्पू प्रधान के परिवार के लोगों ने दाह संस्कार किया.
दाह संस्कार में बडी संख्या भारी संख्या में गांव के लोगों के साथ-साथ महिलाएं भी मौजूद थी, जो गायत्री मंत्र का उच्चारण करने के साथ भजन गा रही थीं. भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता के आवास पर एक गौ माता मौजूद थी. काफी बूढ़ी होने के कारण उनका निधन हो गया. सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में गांव वाले वहां पहुंचे और ट्रैक्टर ट्रॉली पर सजा कर उनका अंतिम यात्रा गाजे बाजे के साथ निकाली गई और गायत्री मंत्र के साथ विधिपूर्वक उनका अंतिम संस्कार किया गया.
गाय की शव यात्रा में सैकड़ों लोग हुए शामिल
ग्रेटर नोएडा के गांव रौनीजा गाय के अंतिम यात्रा के लिए ट्रैक्टर ट्राली पर अर्थी को फूल-माला और गुब्बारों से सजाया गया. फिर लोगों ने गाजे बाजे से साथ गाय की अंतिम यात्रा निकाली. इस दौरान काफी भीड़ देखने को मिली. गाय के अंतिम संस्कार में बढ़-चढ़ कर लोगों ने हिस्सा लिया.
हिंदू धर्म में है गाय को पूजनीय स्थान प्राप्त
दरअसल गांव के लोगों का कहना है कि गाय हमारी माता होती है. गाय में सभी देवताओं का वास माना जाता है. पुराणों में गाय के दूध को अमृत कहा गया है. पौराणिक मान्यता के अनुसार गाय की सेवा करने से खराब काम अच्छे होने लगते हैं. अच्छे कामें वृद्धि होने लगती है. बता दें कि हिंदू धर्म में गाय को पूजनीय स्थान प्राप्त है. ऐसी मान्यता है कि बड़ा से बड़ा कष्ट भी सिर्फ गौ माता की सेवा करने से दूर हो जाता है.मान्यता है कि गाय की सेवा करने से जहां सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं, वहीं घर में सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान मिलता है.
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