गोवंश की कब्रगाह बन गयी है अयोध्या की सबसे बड़ी गौशाला, कीचड़ और दलदल, ये है सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट का हाल
अयोध्या में गौशाला के हालात बहुत खराब हैं. चारों तरफ कीचड़ है. इसमें फंसकर गोवंश दम तोड़ रहे हैं. यही नहीं, जेसीबी मशीन ने गड्ढा खोदकर वहीं इन्हें दफना दिया जाता है.
अयोध्या. यूपी में योगी सरकार आने के साथ ही गोवंश के लिए गौशाला बनाने और वहीं, पर उनको रहने खाने पीने की व्यवस्था को लेकर एक व्यापक कार्य योजना तैयार की गई थी. इसके लिए हर जिले में लाखों से करोड़ों रुपए धन आवंटित भी किया गया. लेकिन इसकी हकीकत गौशाला बनाने की योजना के कितने विपरीत है, इसका एक दृश्य आपको अयोध्या की बैसिंगपुर गौशाला में दिखाई देगा. जहां आए दिन गोवंश बेबसी की मौत मर जाते हैं और उनको वहीं, गौशाला में ही जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफना दिया जाता है और उनकी जगह बाहर से पकड़ कर लाए गए दूसरे गोवंश ले लेते हैं. शुक्रवार को भी घुटने बराबर कीचड़ में फंस कर पांच से अधिक गोवंश की मौत हो गई और दर्जनों कीचड़ में फंस कर बीमार पड़े गई हैं, यह आंकड़ा सरकारी है और हकीकत कहीं से अधिक है.
बेहद खराब हैं गौशाला के हाल
बैसिंगपुर गोशाला में हालात बहुत बुरे हैं. यहां भीतर जाने के रास्ते पर ही कई जगह पर तो घुटने तक कीचड़ भरा हुआ है, जबकि अन्य स्थानों में कीचड़ के साथ- साथ दलदल है. अयोध्या के मेयर समेत हमे गौशाला के भीतर जाने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ा. यही कारण है कि बीमार और कमजोर कोई भी गोवंश इसमे फंसा तो निकल नहीं पाता और दलदली कीचड़ में जाकर कोई उन्हें निकालने की जहमत भी नहीं उठाता. इसका नतीजा उनकी मौत के रूप में सामने आता है, जिन्हें बाद में गोशाला में ही गढ्ढा खोदकर दफना दिया जाता है.
इस तरह दम तोड़ देती हैं गोवंश
वैसे तो गौशाला में बीमारी समेत अलग अलग कारणों से गोवंशों के मरने की खबरे आती रहती हैं लेकिन बारिश का मौसम गोवंशों के लिए काल बन जाता है. गौशाला में जगह जगह ऊंची नीची भूमि ऊपर से दलदली मिट्टी के साथ फैला गोबर बारिश में ऐसा हो जाता है, जिसमे अगर कोई गोवंश फंसा तो निकलने को कोशिश में और फंसता जाता है, उन्हें निकालने की कोशिश भी तब होती है जब पानी सूख जाने के बाद दलदल समाप्त हो जाता है, लेकिन तबतक बीमारी और भूख से गोवंश उसी गौशाला में दम तोड़ देते है जो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है.
आधा दर्जन से अधिक गौवंश की मौत
शुक्रवार को भी जब एबीपी गंगा की टीम बैसिंगपुर गोशाला पहुंचे तो आधा दर्जन से अधिक गोवंश मृत पड़े दिखाई दिए और कुछ को जेसीबी मशीन से दफनाया जा रहा था. कई गोवंश दलदल में फंसे हुए थे तो डेढ़ दर्जन से अधिक बीमार पड़े थे. हालांकि अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय 5 गोवंशों के मरने और डेढ़ दर्जन से अधिक बीमार होने की बात स्वीकारते हैं.
क्या कहना है मेयर का
अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने बताया कि करीब एक डेढ़ दर्जन गाय हमारे यहां बीमार हैं. अभी जो जानकारी मिली है, उसमें 5 गाय आज जो हैं उनकी मृत्यु हुई है. माननीय मुख्यमंत्री जी ने इस गौशाला के लिए साढ़े आठ करोड़ रुपए पिछले साल दिया था. आप देख रहे हैं कि बहुत ही तेजी के साथ निर्माण चल रहा है. कोरोना के कारण इसका गति बीच में रुक गई थी. मौसम के चलते यहां पर दुर्व्यवस्था हुई है. इस के नाते कुछ गाय दलदल में फंस गई थी एक दर्जन से ऊपर गाय बीमार हैं. उन्होंने कहा कि फिर भी इस लापरवाही के लिये जो भी जिम्मेदारअधिकारी कर्मचारी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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