देहरादून, एबीपी गंगा। 19 वर्षो के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार उत्तराखंड को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की पूर्ण मान्यता की सौगात मिली है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से चयनित प्रशासकों की समिति (सीओए) ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) को बीसीसीआई से मान्यता दे दी है। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) राज्य में क्रिकेट के संचालन की जिम्मेदारी संभालेगी। 'सीएयू' बीसीसीआई की पूर्णकालिक सदस्य होगी। बीसीसीआई के प्रशासकों की कमेटी ने सीएयू को 14 सितंबर से पहले चुनाव कराने को कहा है।
उत्तराखंड में बीसीसीआई की मान्यता के लिए क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड, उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन और उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन के बीच जोर आजमाइश चल रही थी। जून में 17 और 18 तारीख को मान्यता कमेटी के सदस्यों ने तीनों एसोसिएशन से दस्तावेज मांगे थे। इस रिपोर्ट को सीओए के पास भेजा गया।
सीओए ने 15 जुलाई को एसोसिएशनों की बैठक बुलाई थी। इसमें क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने दस्तावेज पेश किये। इसके बाद सीओए ने प्रदेश सरकार से मिल रही मदद का ब्योरा मांगा था और 25 जुलाई तक का समय दिया गया था। अब सीओए ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को मेल भेजकर मान्यता दिए जाने पर मुहर लगा दी है।
उत्तराखंड ने क्रिकेट की मान्यता के लिए लंबा इंतजार किया। क्रिकेट एसोसिएशनों की तनातनी में कई साल गुजर गए। इस बीच उत्तराखंड से कई क्रिकेट प्रतिभाएं पलायन कर गईं। लेकिन मान्यता को लेकर उम्मीदें बनी रही। पिछले दो साल में मान्यता के मामले ने तेजी पकड़ी। बीसीसीआई ने 'सीएयू' से 14 सितंबर से पहले बीसीसीआई के संविधान के अनुसार चुनाव कराने के लिए कहा है। चुनाव के बाद कमेटी बीसीसीबाई की पूर्णकालिक सदस्य की तरह क्रिकेट का संचालन कर सकेगी।
गौरतलब है कि उत्तराखंड क्रिकेट ने पिछले 19 वर्षो के दौरान काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। बीसीसीआई जिस कार्य को 19 सालों में नहीं कर पाई, उसको सीओए ने कुछ सालों में कर दिया। इस सफलता के बाद राज्य के खेल मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि उत्तराखंड क्रिकेट के लिए यह खुशी का दिन है। मैंने बीसीसीआई में किसी क्रिकेट संघ की पैरवी नहीं की, बल्कि केवल स्टेट के खिलाडि़यों की पैरवी की। मेरी ओर से स्टेट के सभी खिलाड़ियों को बधाई। बीसीसीआई को धन्यवाद देता हूं।