लखनऊ, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश में अब गैर जमानती अपराधों में भी अपराधियों को बेल मिलेगी। योगी सरकार ने गैर जमानती अपराध में अग्रिम जमानत देने का महत्वपूर्ण फैसला किया है। साथ ही अग्रिम जमानत की सुनवाई के दौरान अभियुक्त का उपस्थित रहना जरूरी नहीं है। साथ ही आवेदक मामले से जुड़े गवाहों और अन्य व्यक्तियों को अब किसी भी तरह से धमका नहीं सकेंगे और ना ही किसी तरह का आश्वासन दे सकेंगे।


हालांकि, अग्रिम जमानत की सुविधा एससीएसटी एक्ट में नहीं मिलेगी। फैसले के मुताबिक, अग्रिम जमानत की व्यवस्था एससीएसटी एक्ट समेत कई गंभीर अपराध के मामलों में लागू नहीं होगी। साथ ही आतंकी गतिविधियों से जुड़े मामलों (अनलॉफुल एक्टिविटी एक्ट 1967), ऑफिशियल एक्ट, नारकोटिक्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट व मौत की सजा से जुड़े मुकदमों में अग्रिम जमानत नहीं मिल सकेगी।


नए नियम के मुताबिक, अग्रिम जमानत के लिए आए आवेदन का 30 दिन के अंदर निस्तारण करना होगा। अग्रिम जमानत से जुड़े मामलों में कोर्ट अभियोग की प्रकृति और गंभीरता, आवेदक के इतिहास, उसकी न्याय से भागने की प्रवृत्ति और आवेदक को अपमानित करने के उद्देश्य से लगाए गए आरोप पर विचार कर उसके आधार पर फैसला ले सकती है।